कामेरा- सोवियत संघ के दुश्मनों को ख़ामोश करने वाला सीक्रेट हथियार
BBC
रूसी भाषा में 'कामेरा' का अर्थ जेल होता है. बीसवीं सदी के दूसरे दशक में बनाया गया ये हथियार इतना असरदार था कि निशान तक नहीं छोड़ता था.
कुछ लोगों का कहना है कि 1922 में एक स्ट्रोक से पीड़ित होने के बाद सोवियत संघ के पहले नेता व्लादिमीर लेनिन ने अपने उत्तराधिकारी जोसेफ़ स्टालिन से ख़ुद को मारने के लिए सायनाइड देने के लिए कहा था. स्टालिन ने मना कर दिया. ये वो वक़्त था जब ये सब शुरू हुआ.
दूसरों का दावा है कि 1918 में बोल्सेविक क्रांति के दौरान जब लेनिन को गोली मारी गई थी, तब ये सब शुरू हुआ. उनके डॉक्टरों का मानना था कि उन्हें ज़हरीली क्यूरेर रेसिन के परत वाली गोली मारी गई थी. साजिश यहां से शुरू हुई.
लेकिन कुछ सूत्र इस बात पर सहमत हैं कि लेनिन के आदेश से 1920 के दशक की शुरुआत में क्रेमलिन ज़हर कारखाना स्थापित किया गया था. इस रिसर्च सेंटर में सोवियत संघ अपने दुश्मनों को ख़त्म करने के नए नए तरीक़े इजाद करता था, वो भी बिना कोई सुराग छोड़े.
माना जाता है कि इसकी शुरुआत चेका, सोवियत रूस के पहले राजनीतिक और सैन्य ख़ुफ़िया संगठन, से हुई थी. इसका काम क्रांति के ख़िलाफ़ हो रहे कार्यों या इसके मार्ग से भटक गए लोगों का दमन करना था.