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कामाख्या और केदारनाथ मंदिरों के लिए रोपवे कनेक्टिविटी, महाकालेश्वर के लिए जल्द जारी किए जाएंगे टेंडर
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आने वाले दिनों में कामाख्या, केदारनाथ, महाकालेश्वर जैसे मंदिरों को रोपवे कनेक्टिविटी मिलेगी. इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक, कामाख्या और केदारनाथ मंदिरों के लिए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं और बहुत जल्द ही महाकालेश्वर मंदिर के लिए रोपवे कनेक्टिविटी के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे.
आने वाले दिनों में कामाख्या, केदारनाथ, महाकालेश्वर जैसे मंदिरों को रोपवे कनेक्टिविटी मिलेगी. इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक, कामाख्या और केदारनाथ मंदिरों के लिए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं और बहुत जल्द ही महाकालेश्वर मंदिर के लिए रोपवे कनेक्टिविटी के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे. सरकार अमरनाथ मंदिर तक रोपवे कनेक्टिविटी पर विचार कर रही है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.
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रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश की योजना सरकार ने रोपवे इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश की योजना बनाई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 'रोपवे एक्सपो' में बोलते हुए घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम 'पर्वतमाला परियोजना' के तहत 1.25 लाख करोड़ रुपये की 200 से अधिक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निर्धारित किया गया है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा 'पर्वतमाला परियोजना' देश में रोपवे बुनियादी ढांचे को विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रमुख पहल है. यह पर्यटन को बढ़ावा देने और दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार पर केंद्रित है. इस पहल को निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के निकायों के बीच रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से पूरा किया जाएगा.
देश में पर्यटन और रोजगार के मिलेंगे मौके रोपवे एक्सपो को संबोधित करते हुए गडकरी ने इस परियोजना को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. नितिन गडकरी ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता समग्र परियोजना लागत को कम करके रोपवे को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाना और देश में रोपवे नेटवर्क विकसित करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना होना चाहिए. पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन की सुविधा के अलावा, रोपवे शहरी जनता के लिए बड़ी संभावनाएं देगा. इसके लिए सुरक्षा से समझौता किए बिना स्वदेशी और लागत कुशल समाधान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. रोपवे में देश में पर्यटन और रोजगार सृजन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की अपार संभावनाएं हैं.
केंद्रीय मंत्री ने इन परियोजनाओं में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) का प्रस्ताव रखा. गडकरी का मानना है कि यह बड़े पैमाने की पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए एक टिकाऊ मॉडल है. इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन के लिए एक उपकरण के रूप में रोपवे का उपयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा. खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां पारंपरिक परिवहन साधनों को पहाड़ी इलाकों से चुनौती मिलती है. इससे इन क्षेत्रों में परिवहन पहुंच और गतिशीलता में परिवर्तनकारी बदलाव आएगा.
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