कान्स: पायल की फिल्म को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री पुरस्कार, एफटीआईआई में हुई थी कार्रवाई
The Wire
मुंबई की फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया ने 2015 में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था. पुणे पुलिस ने पायल कपाड़िया और 34 अन्य छात्रों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज भी की थी. उनकी छात्रवृत्ति ग्रांट में भी कटौती कर दी गई थी.
नई दिल्लीः मुंबई की फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया को 74वें कान्स फिल्मोत्सव में उनकी फिल्म ‘अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का ओइल डी’ओर (Oeil d’or – गोल्डन आई) पुरस्कार मिला है. As many have pointed out already, Payal’s Cannes winning documentary ‘A Night of Knowing Nothing’ foregrounds the protests and takes inspiration from her activism days. कपाड़िया ने 2015 में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. — Nidheesh M K (@mknid) July 19, 2021 यह प्रदर्शन एफटीआईआई कैंपस में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था. इस दौरान छात्रों ने संस्थान की अगुवाई के लिए चौहान की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कक्षाओं का बहिष्कार किया था. बता दें कि चौहान ने कई पौराणिक धारावाहिकों में काम किया है और नियुक्ति के समय वह भाजपा नेता थे.More Related News