कानपुर हादसा: शराब पीकर गाड़ी चला रहा था ड्राइवर, 26 लोगों को मौत के मुंह में धकेलकर हुआ फरार
AajTak
कानपुर सड़क हादसे में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. मामले को लेकर डीएम ने कहा कि फरार ड्राइवर की तलाश की जा रही है. चश्मदीदों ने बताया है कि वह शराब पीकर गाड़ी चला रहा था. मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है.
यूपी के कानपुर में एक ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पलट गई, जिससे 26 लोगों की मौत हो गई. मामले में कानपुर के डीएम विशाख जी अय्यर ने 'आजतक' को बताया कि चश्मदीदों के मुताबिक, ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चला रहा था. मामले को की हर एक एंगल से जांच की जा रही है. कुल 26 लोगों की मृत्य हुई है. CHC में 11 डॉक्टरों की टीम बुलाकर रात में ही पोस्टमार्टम करा लिया गया था. जिसके बाद मृतकों के परिजनों को शव सौंप दिए गए.
उन्होंने बताया कि सभी शवों का अंतिम संस्कार लगभग किया जा चुका है. साथ ही फरार ड्राइवर की भी तलाश की जा रही है. बता दें, शनिवार रात को कानपुर में भीतरगांव मार्ग पर पानी से भरे तालाब में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से कोरथा गांव के ही 26 लोगों की मौत हो गई. इनमें 12 महिलाएं, 9 बच्चे और 5 किशोर हैं. देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. जबकि, घायलों का फिलहाल इलाज जारी है.
गांव वालों के मुताबिक, बच्चे के मुंडन के कार्यक्रम के बाद ट्रॉली एक ढाबे पर रुकी जहां सब ने चाय की. उसके बाद ट्रॉली एक शराब के ठेके पर रुकी जहां पर ड्राइवर समेत कुछ लोगों ने शराब पी. महिलाओं ने उन्हें शराब पीने से मना भी किया. लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी.
पीड़ित परिवारों में आक्रोश शनिवार-रविवार की रात करीब तीन बजे तालाब में डूबी ट्रैक्टर ट्रॉली को बाहर निकालकर पुलिस थाने ले गई. एक तरफ राहत और बचाव कार्य को लेकर कानपुर से लेकर लखनऊ तक पुलिस और प्रशासन एक्टिव नजर आया, वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवारों में व्यवस्था को लेकर आक्रोश नजर आया. हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों ने एंबुलेंस से लेकर डॉक्टर्स की उपलब्धता तक, व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
'बाइक से अस्पताल पहुंचाए कई घायल लोग' हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों ने आक्रोश लगाया है कि हम जब हॉस्पिटल में आए तो यहां कोई डॉक्टर नहीं था. पीड़ित परिवारों ने ये आरोप भी लगाया है कि तालाब से लोगों को निकालने के बाद कई लोगों को बाइक से अस्पताल तक ले जाना पड़ा क्योंकि एंबुलेंस नहीं पहुंची थी. सीएचसी भीतरगांव में अव्यवस्था का आलम नजर भी आया.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.