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कांग्रेस के घोषणापत्र से क्यों गायब हुआ ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा? पार्टी नेता भी कन्फ्यूज
AajTak
2022 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने ओपीएस के वादे पर जीत हासिल की थी. अशोक गहलोत ने चुनाव प्रचार के दौरान हिमाचल में भी मतदाताओं को आश्वासन दिया कि राजस्थान ओपीएस मॉडल हिमाचल में भी लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य का खजाना आसानी से इस बोझ को वहन कर सकता है और राजस्थान में यह आसानी से चल रहा है.
'हाथ बदलेगा हालात' के नारे के साथ कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. पार्टी ने इसे 'न्याय पत्र' नाम दिया है जिसमें 5 न्याय और 25 गारंटी शामिल हैं. हालांकि घोषणापत्र से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की गैर-मौजूदगी सुर्खियों का हिस्सा बन गई है. ऐसा लगता है कि स्थानीय चुनावों में आक्रामक तेवर से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र से पूरी तरह हटाने तक कांग्रेस ने ओपीएस के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है.
जब घोषणापत्र जारी किया गया तो कई कांग्रेसी नेता उसमें ओल्ड पेंशन स्कीम का जिक्र न पाकर हैरान हो गए और एक-दूसरे की तरफ देखते रह गए. सूत्रों ने आजतक को बताया कि घोषणापत्र समिति की आखिरी बैठक तक ज्यादातर सदस्यों की राय थी कि अग्निवीर को खत्म करने के अलावा ओपीएस उनके प्रमुख मुद्दों में से एक है.
'छपाई से पहले हटा दिया गया OPS'
नाम न बताने की शर्त पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'हम इस बात से हैरान थे कि घोषणापत्र से ओपीएस पूरी तरह गायब था और तभी हमें पता चला कि इसे आखिरी पल में हटा दिया गया था.' एक दूसरे नेता ने पुष्टि की, 'हम पहले घोषणापत्र समिति में ओपीएस स्कीम पर चर्चा कर रहे थे और जाहिर तौर पर इसे घोषणापत्र की छपाई से ठीक पहले हटा दिया गया.' चिदंबरम ने सदस्यों को आश्वासन दिया था कि अंतिम मसौदा घोषणापत्र कांग्रेस कार्य समिति (CWC) को भेजा जाएगा और सीडब्ल्यूसी की अंतिम मंजूरी के बाद इसे जारी किया जाएगा.
OPS को बाहर करने के सवाल पर क्या बोले चिदंबरम?
कांग्रेस नेतृत्व से पूछा गया कि विधानसभा चुनावों में ओपीएस आपके बड़े चुनावी वादों में से एक रहा है और इसे राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में लागू भी किया गया फिर इसे घोषणा पत्र से बाहर क्यों किया गया, क्या यह आर्थिक रूप से अव्यवहार्य है? इस पर घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने चुटकी लेते हुए कहा, 'यह गायब नहीं है, हमारे दिमाग में है.'
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