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कांग्रेस का सवाल- पीएम केयर्स फंड ऑडिट के अधीन या आरटीआई के तहत क्यों नहीं है
The Wire
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि पीएम केयर्स फंड में 60 प्रतिशत धन सरकार स्वामित्व वाले उपक्रमों से आने के बावजूद इसमें कोई पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं है. यह किसी ऑडिट या आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं आता. पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो पीएम केयर्स फंड का कैग ऑडिट कराएगी.
नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड के गोपनीयता के साये में घिरे होने की बात कहते हुए कांग्रेस ने सवाल किया कि इसमें सरकारी स्वामित्व वाले उपक्रमों (पीएसयू) से 60 प्रतिशत धन आने के बावजूद कोई पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं है तथा यह किसी ऑडिट या सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में क्यों नहीं आता. The controversies surrounding the PMCARES fund prove that it was set up by a highly uncaring government. 60% of the total contribution to PMCARES comes from govt-run and govt-owned firms including ONGC, NTPC, IOC, etc.
बीते 25 अप्रैल को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि एक सार्वजनिक कोष, जिसे 5,000 करोड़ रुपये का दान मिलता है, को आरटीआई के दायरे में आना चाहिए और जवाबदेही तय होनी चाहिए. The 'C' in PMCARES stands for Coercion, Chaos, Confusion &… pic.twitter.com/tQfZmwCDHo
द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिंघवी ने कहा, ‘पीएम केयर्स फंड से जुड़े विवाद साबित करते हैं कि इसे एक बेपरवाह सत्ताधारी पार्टी और प्रधानमंत्री द्वारा बेहद बेपरवाह सरकार ने स्थापित किया था.’ — Congress (@INCIndia) April 25, 2023
उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड में कुल योगदान का 60 प्रतिशत ओएनजीसी, एनटीपीसी और आईओसी सहित सरकार द्वारा संचालित और सरकारी स्वामित्व वाली फर्मों से आता है.