
कांग्रेस का आरोप, 22,842 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी मामले में मोदी सरकार की मिलीभगत
The Wire
सीबीआई ने बीते सात फरवरी को गुजरात की जहाज निर्माता कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, इसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल और अन्य पर एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया था. भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि एबीजी को संप्रग के कार्यकाल में ऋण दिए गए, हमारी सरकार ने कार्रवाई की.
विपक्षी दल ने सवाल किया कि 28 बैंकों से कथित धोखाधड़ी के संबंध में एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ परिसमापन कार्रवाई के बाद एफआईआर दर्ज करने में पांच साल क्यों लग गए. मोदी काल में अब तक ₹5,35,000 करोड़ के बैंक फ़्रॉड हो चुके हैं- 75 सालों में भारत की जनता के पैसे से ऐसी धांधली कभी नहीं हुई।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बीते सात फरवरी को एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, इसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल और अन्य पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया था. लूट और धोखे के ये दिन सिर्फ़ मोदी मित्रों के लिए अच्छे दिन हैं।#KiskeAccheDin
इसकी जानकारी देते हुए बीते 12 फरवरी को बताया था कि उसने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (एबीजीएसएल) और उसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ-साथ तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 13, 2022
एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पर भी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के कथित अपराधों के मामले में मामला दर्ज किया गया है.