क़ुतुब मीनार: भारत की सबसे ऊंची मीनार का मामला आख़िर अदालत तक क्यों पहुंचा?
BBC
अफ़ग़ानिस्तान की मीनार कला से प्रभावित यह मीनार, लाल और बादामी रंग के बलुआ पत्थर से बनी है. इसका निर्माण दिल्ली सल्तनत के पहले शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था.
दिल्ली के आकाश को छूती कु़तुब मीनार (240 फीट ऊंची) राजधानी की सबसे प्रतिष्ठित धरोहरों में से एक है. लेकिन अब यहां की एक अदालत में इस बात का फ़ैसला होना है कि कई सदी पहले जिन मंदिरों को तोड़कर इसका परिसर बनाया गया, उन मंदिरों को फिर से ज़िंदा किया जाना चाहिए या नहीं.
वर्तमान में यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल कु़तुब मीनार का निर्माण दिल्ली सल्तनत के पहले शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था. माना जाता है कि ग़ुलाम वंश के संस्थापक ऐबक ने जब 1192 में हिंदू राजाओं को हराया, तब उस जीत को यादगार बनाए रखने के लिए इस मीनार को बनाने का फ़ैसला किया गया.
अफ़ग़ानिस्तान की मीनार कला से प्रभावित यह मीनार लाल और बादामी रंग के बलुआ पत्थर से बनाई गई है. मुस्लिम शासकों द्वारा भारत में बनाई गई यह कुछ शुरुआती इमारतों में से एक है.
क़ुतुबुद्दीन ऐबक के बाद के तीन सुल्तानों ने इसकी मरम्मत की और इसे और ऊंचा किया. फ़िलहाल कु़तुब मीनार में पांच मंज़िलें है और ऊपर तक जाने के लिए 379 सीढ़ियां हैं.
इतिहासकार विलियम डेलरिंपल के अनुसार, "कु़तुब मीनार दिल्ली में अरावली की पहाड़ियों के बीच पर खड़ा 'विशाल दूरबीन' की तरह है, जो 'विजेता की शान और उसकी जीत का प्रतीक' है."