क़ानून मंत्री रिजिजू ने फिर साधा न्यायपालिका पर निशाना, कहा- राजद्रोह क़ानून पर रोक से दुखी था
The Wire
मई माह के एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून की समीक्षा किए जाने तक इसके तहत मामले दर्ज करने और कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह क़ानून की समीक्षा कर रही है तो शीर्ष अदालत को आदेश नहीं देना चाहिए था, यह ‘अच्छी बात’ नहीं थी.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि वे इस साल के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजद्रोह कानून पर रोक लगाने के फैसले से दुखी थे. #SeditionLaw On May 11, the #SupremeCourt, keeping the #SeditionLaw in abeyance, in an interim order, urged the Centre and the State governments to refrain from registering any FIRs under the #124AIPC while the law is under re-consideration.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (4 नवंबर) को मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए रिजिजू कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि सरकार ने अदालत को सूचित कर दिया था कि वह कानून में बदलाव पर विचार कर रही है, सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून को स्थगित करने का फैसला किया. “We told the #SupremeCourt that the government is thinking to change the law, despite that, it struck down the law, I was very upset about it.” — Live Law (@LiveLawIndia) November 5, 2022
[NOTE: #SupremeCourt kept the law in abeyance earlier this year till the Union Government reconsiders the provision.]
— Live Law (@LiveLawIndia) November 5, 2022