क़रीब 57.51 लाख लंबित मामलों में 54 प्रतिशत पांच उच्च न्यायालयों में: सुप्रीम कोर्ट
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश के 25 उच्च न्यायालयों में 57.51 लाख से अधिक लंबित मामलों में 54 प्रतिशत मामले पांच उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब एवं हरियाणा, मद्रास, बॉम्बे और राजस्थान में हैं. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के डेटा के अनुसार, 56.4 प्रतिशत लंबित मामले पिछले पांच वर्षों के दौरान मामले दायर किए गए हैं, जबकि 40 प्रतिशत लंबित मामले 5 से 20 साल पहले दर्ज किए गए थे.
नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को कहा कि देश के 25 उच्च न्यायालयों में 57.51 लाख से अधिक लंबित मामलों में 54 प्रतिशत मामले पांच उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब एवं हरियाणा, मद्रास, बॉम्बे और राजस्थान में हैं. इसके साथ ही न्यायालय ने स्थिति से निपटने के लिए तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एक फैसले द्वारा संविधान के अनुच्छेद 224ए का उपयोग किया जिसका बहुत ही कम इस्तेमाल हुआ है. इसी के साथ लंबित मामलों के निपटारे के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को दो से तीन साल की अवधि के लिए तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया. पीठ में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्राथमिक उद्देश्य उन मामलों का निपटारा है, जो पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं. प्रधान न्यायाधीश द्वारा लिखे गए फैसले में राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के आंकड़ों का भी जिक्र किया गया है और कहा गया कि इससे पता चलता है कि केवल पांच उच्च न्यायालय ही 54 प्रतिशत लंबित मामलों के लिए जिम्मेदार हैं.More Related News