कश्मीर का ये गांव बना एकता की मिसाल, मुसलमान करवा रहे हैं मंदिर और गुरुद्वारे का निर्माण
ABP News
कश्मीर घाटी में एलओसी पर बसे टीटवाल गांव के मुस्लिम शारदा मंदिर और गुरुद्वारे का निर्माण करवा रहे हैं. 1947 के कबीलाई हमले में यह मंदिर और गुरुद्वारा तोड़ दिया गया था.
कश्मीर के बारे में लिखा गया है, “गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त; हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त” यानी अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर है. दशकों से जिस स्वर्ग में हिन्दू मुसलमान के नाम पर खूबसूरत घाटी को नर्क बनाने की कोशिश हुई वो अब नाकाम होती हुई दिखाई दे रही है. इसकी मिसाल पेश की एलओसी पर स्थित टीटवाल गांव ने. 1947 में टीटवाल गांव में जिस शारदा मंदिर और गुरुद्वारे को तोड़ा गया था आज उसी गांव में उसी जगह पर शारदा मां का मंदिर भी बन रहा है और गुरुद्वारा भी. गांव के मुसलमान ही मंदिर और गुरुद्वारे का निर्माण कर पाकिस्तान को ये संदेश देने में लगे हुए हैं कि कश्मीरी कल भी हिंदुस्तानी थे, आज भी हैं और हमेशा रहेंगे.
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के सीमावर्ती गांव टीटवाल के बाद किशनगंगा नदी बहती है और उस पार हिंदुस्तान के कश्मीर का वो हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने नापाक तरीक़े से कब्ज़ा कर रखा है. टीटवाल गांव में शारदा मंदिर बनने की ख़बर पाकर एबीपी न्यूज़ ने एलओसी के इस गांव में जाने का फ़ैसला किया ताकि गांव के लोगों का मिजाज़ और यहां की एकता को समझा जा सके.