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कर्मचारी यूनियन के कोर्ट पहुंचने के बाद सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स के निजीकरण की योजना टाली
The Wire
सरकार ने नवंबर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के तहत नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को बिक्री की मंज़ूरी दी थी, जिसके ख़िलाफ़ सीईएल कर्मचारी संघ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था. अब सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया को देखने वाले दीपम ने कहा कि नंदल फाइनेंस द्वारा लगाई गई बोली में कम मूल्यांकन के आरोप की जांच की जा रही है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कर्मचारी यूनियन के अदालत का रुख करने के बाद सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (सीईएल) को एक कम चर्चित कंपनी को बेचने की योजना टाल दी है. एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा कि नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग द्वारा लगाई गई 210 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली में कम मूल्यांकन के आरोप की जांच की जा रही है.
दीपम ही सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया को देखता है.
पांडेय ने बताया कि सीईएल में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को अभी आशय पत्र जारी नही किया गया है और कम मूल्यांकन के आरोपों की जांच की जा रही है.