कर्नाटक हिजाब विवाद: छह में से एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया
The Wire
याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि हिजाब पहनना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत एक मौलिक अधिकार है और यह इस्लाम की एक अनिवार्य प्रथा है. कर्नाटक के उडुपी स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनने की वजह से 28 दिसंबर 2021 से छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में बैठने नहीं दिया जा रहा है.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शतहाबिश शिवन्ना, अर्णव ए. बगलवाड़ी और अभिषेक जनार्दन अदालत में पेश हुए. इस मामले में पहली सुनवाई इस सप्ताह के अंत तक होने की संभावना है.
इस बीच उडुपी के विधायक एवं कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष के. रघुपति भट ने हिजाब पहनने के अधिकार के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं के साथ बैठक के बाद बीते 31 जनवरी को स्पष्ट रूप से कहा है कि शिक्षा विभाग के फैसले के तहत छात्राओं को ‘हिजाब’ पहनकर कक्षा में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
हालांकि इस विवाद के बीच स्कूल ने उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने का विकल्प दिया गया है. भट की अध्यक्षता वाली कॉलेज विकास समिति का कहना है कि जब तक इस मामले का समाधान नहीं निकल जाता, तब तक ये छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकती हैं.
कर्नाटक सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति की सिफारिश आने तक सभी लड़कियों को वर्तमान में लागू ड्रेस संबंधी नियमों का पालन करने को कहा गया है.