कर्नाटक में सांप्रदायिक प्रतिरोध की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए: किरण मजूमदार शॉ
The Wire
कर्नाटक में बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं जैसे- हिजाब मुद्दा, हिंदू धर्म स्थलों पर मुसलमानों को व्यवसाय न करने देना या हलाल मीट विवाद, को देखते हुए बायोकॉन कंपनी की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे धर्म के आधार पर विभाजन के मुद्दे का निपटारा करें. इस पर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा है कि ऐसे मुद्दे पर सार्वजनिक मंच पर जाने से पहले हर किसी को संयम बरतना चाहिए.
बेंगलुरु: कर्नाटक में ‘बढ़ते धार्मिक मतभेदों’ को सुलझाने के बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार-शॉ के अनुरोध की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को समाज के सभी वर्गों के लोगों से अपील की कि वे किसी भी सामाजिक मुद्दे को लेकर सार्वजनिक मंच पर जाने को लेकर संयम बरतें, क्योंकि इन मुद्दों को विचार विमर्श के जरिये सुलझाया जा सकता है. Karnataka has always forged inclusive economic development and we must not allow such communal exclusion- If ITBT became communal it would destroy our global leadership. @BSBommai please resolve this growing religious divide🙏 https://t.co/0PINcbUtwG Unfortunately, vested interests are hijacking the issue to political parties. I am confident our CM @BSBommai will resolve the matter peacefully. I am a proud kannadiga n don’t want to see these incidents detract from economic progress. All parties need to work towards this. I commend our CM @BSBommai and wholeheartedly agree with him for calling upon “all sections of society to observe restraint before going public on social issues, as they can be resolved through discussions”. Good to see Kiran Shaw wake up to the religious divide in Karnataka. Did she speak up when a belligerent minority sought to prioritise Hijab over education or Congress framed rules excluding non-Hindus from Hindu institutions. It is unfortunate to see people like Kiran Shaw impose their personal, politically coloured opinion, and conflate it with India’s leadership in the ITBT sector. Rahul Bajaj once said something similar for Gujarat, it is today a leading automobile manufacturing hub. Go figure…
उन्होंने कहा कि कर्नाटक शांति और प्रगति के लिए जाना जाता है और इसे कायम रखने में हर किसी से सहयोग देने को कहा. उन्होंने मजूमदार-शॉ की उस चिंता की ओर भी लोगों का ध्यान आकृष्ट किया, जिसमें उन्होंने (मजमूदार-शॉ ने) कहा है कि हमेशा से समावेशी आर्थिक विकास का रास्ता अपनाने वाले राज्य में यदि सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (आईटी/बीटी) सेक्टर सांप्रदायिक हो जाते हैं तो यह वैश्विक नेतृत्व को तहस-नहस कर देगा. — Kiran Mazumdar-Shaw (@kiranshaw) March 30, 2022 — Kiran Mazumdar-Shaw (@kiranshaw) March 31, 2022 — Kiran Mazumdar-Shaw (@kiranshaw) March 31, 2022 She helped Congress draft their manifesto. Explains? pic.twitter.com/qFcQQYXhBt — Amit Malviya (@amitmalviya) March 31, 2022
उन्होंने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘कर्नाटक ने हमेशा आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है और हमें सांप्रदायिक प्रतिरोध की अनुमति नहीं देनी चाहिए. यदि आईटी/बीटी क्षेत्र सांप्रदायिक हो गया तो यह हमारे वैश्विक नेतृत्व को तहस-नहस कर देगा. बसवराज बोम्मई (मुख्यमंत्री) कृपया धर्म के आधार पर विभाजन के मुद्दे का निपटारा करें.’ — Amit Malviya (@amitmalviya) March 31, 2022