कर्नाटक: नागरिकों ने सीएम को पत्र लिख कहा- अल्पसंख्यकों पर हमले से राज्य की बहुलता को ख़तरा
The Wire
सेवानिवृत्त नौकरशाह, कलाकार और शिक्षाविदों के एक समूह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखे पत्र में कहा है कि हाल में मुस्लिम, ईसाई और दलित समुदायों पर विभिन्न प्रकार के हमलों ने राज्य के समावेशी स्वभाव पर गर्व करने वालों को झकझोर कर रख दिया है. समूह ने कहा कि इससे प्रगति में बाधा उत्पन्न होगी, उद्यमियों और निवेशकों का विश्वास कम होगा तथा नागरिकों में असुरक्षा, संदेह, भय और आक्रोश बढ़ेगा.
उन्होंने बोम्मई से यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया कि हिंसा भड़काने और भय पैदा करने वालों को यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि किसी गैरकानूनी व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वालों को दंडित किया जाएगा.
इनका कहना है कि 100 पहले राज्य गान में कर्नाटक को ‘सर्व जनांगदा शांति थोटा’ यानी ‘विभिन्न समुदायों के लिए शांति का बगीचा’ के रूप में वर्णित किया गया है.
समूह ने राज्य में ‘सर्व जनांगदा शांति थोटा’ की बहाली की आवश्यकता बताई, जिसका कुवेम्पु द्वारा लिखे गए ‘नाद गीते’ (राज्य गान) में उल्लेख किया गया है.
उन्होंने कहा कि ‘विशेष समुदायों को अलग-थलग करने और उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने के उद्देश्य से विभाजनकारी कृत्यों की वर्तमान में वृद्धि’ न केवल विकास को बाधित करेगी, बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचाएगी.