![कम्युनिस्ट चीन को वापस साम्यवाद की तरफ़ क्यों ले जा रहे हैं शी जिनपिंग](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/150B4/production/_120669168_25.jpg)
कम्युनिस्ट चीन को वापस साम्यवाद की तरफ़ क्यों ले जा रहे हैं शी जिनपिंग
BBC
सत्तर के दशक की आर्थिक निष्क्रियता के दौर से उबर कर चीन उस मुकाम पर पहुंच गया, जहां वो दुनिया की आर्थिक महाशक्ति अमेरिका को चुनौती दे रहा है. लेकिन इसके लिए उसे क़ीमत भी चुकानी पड़ी. चीन में आर्थिक ग़ैरबराबरी की खाई गहरी होती चली गई.
चीन ने पिछले कई दशकों तक पूंजीवाद के अपने वर्जन को फलने-फूलने की पूरी छूट दे रखी थी और वहां ज़िंदगी की गाड़ी इसी के इर्द-गिर्द चल रही थी.
भले ही चीन तकनीकी तौर पर एक 'साम्यवादी' देश है लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अर्थव्यवस्था के उस मॉडल पर भरोसा जताया जिसमें अमीर उद्योगपतियों को इस उम्मीद से प्रोत्साहित किया जाता है ताकि उसका फ़ायदा समाज के मध्य वर्ग और निचले तबकों तक पहुंचे.
चीन को लगा कि रईस लोगों को और दौलतमंद होने की इजाजत देने से समाज के सभी तबकों का फायदा होगा और चेयरमैन माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दलदल से जितनी जल्दी संभव हो सके, उन्हें निकाल लिया जाएगा.
कुछ हद तक चीन की ये सोच कामयाब भी रही. देश में एक बड़ा मध्य वर्ग उभरा और समाज के सभी तबकों के लोगों के जीवन स्तर में पहले की तुलना में काफी सुधार देखा गया.