कभी मिलती है लाश तो कभी इंसान गायब... एक ऐसा किला जहां आज भी रहस्यमयी 'खौफ', कइयों की मौत के बाद भी नहीं सुलझ रही मिस्ट्री
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25 नवंबर 2017 को नाहरगढ़ किले की इसी प्राचीर से लटकती हुई चेतन सैनी नाम के एक व्यक्ति की लाश मिली थी. रस्सी के सहारे लटकती चेतन की लाश को देख हर कोई दंग रह गया. जिस गढ़ की दीवार पर चेतन का शव मिला, उसके नीचे गहरी खाई थी.
Rajasthan News: जयपुर की आन-बान और शान नाहरगढ़ का किला मरुधरा के गौरवान्वित करने वाले इतिहास का साक्षी रहा है. आरावली पर्वतमाला के अंतिम छोर पर जयपुर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया यह महल अतीत की यादों को समेटे आज भी शान से खड़ा है, लेकिन इस किले को लेकर एक किंवदंती यह भी है कि यहां कई ऐसी अजीबोगरीब घटनाएं हुई हैं जो रहस्यमय बनी हुई हैं. जिसके चलते इस किले को अब हॉन्टेड प्लेस या फिर डरावना किला नाम दे दिया गया. यही नहीं, कहा जाता है कि इस खूबसूरत किले और इसकी पहाड़ियों में भटकती प्रेमात्मा का साया है, जिसे आज भी मुक्ति नहीं मिली है.
सन 1734 में 'सुदर्शनगढ़' नाम से राजा जयसिंह द्वितीय ने इस किले का निर्माण कार्य करवाया था. इसके बाद 1883 में सवाई माधोसिंह ने सुदर्शनगढ़ का पुनर्निर्माण करवाते हुए आलीशान बैठक कक्ष बनावाए और भित्तिचित्र से दरवाजों और खिड़कियों को सजाया. लेकिन तब किले के निर्माण के समय कई ऐसी अनहोनी हुई जिसको देख हर कोई डर गया.
कहते हैं कि तब इस गढ़ में सुबह निर्माण कार्य होता था तो अंधेरा होते ही दीवारें गिर जातीं. यही नहीं, अचानक तेज हवाएं चलतीं और खिड़की-दरवाजों के लगे कांच टूटकर बिखर जाते थे. इससे चिंतित राजा ने तांत्रिक को इसकी जानकारी दी तो उसने अपनी विद्या से जाना कि यहां युवराज नाहरसिंह की प्रेतात्मा का साया है जिसे मुक्ति नहीं मिली है.
इसके बाद राजा ने कई विधिवत पूजा-पाठ करवाए और किले के एक छोरे पर युवराज नाहरसिंह मंदिर का निर्माण करवाया. यही नहीं, किले का नाम भी सुदर्शनगढ़ से बदलकर युवराज के नाम पर नाहरगढ़ कर दिया. जहां आज भी नाहरसिंह भोमिया जी के दर्शन के लिए लोग आते हैं, लेकिन अब भी कई यादगार ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं.
25 नवंबर 2017 को नाहरगढ़ किले की इसी प्राचीर से लटकती हुई चेतन सैनी नाम के एक व्यक्ति की लाश मिली थी. रस्सी के सहारे लटकती चेतन की लाश को देख हर कोई दंग रह गया. जिस गढ़ की दीवार पर चेतन का शव मिला, उसके नीचे गहरी खाई थी.
परिवार के सदस्यों को संदेह था कि चेतन की मौत हत्या है, लेकिन पुलिस के अनुसार तत्कालीन परिस्थितियां आत्महत्या का संकेत दे रही थी. यही नहीं, चेतन की न किसी से दुश्मनी थी और न ही उसकी कॉल डिटेल में ऐसा कुछ निकला जिस पर पुलिस को शक हो. हालांकि, चेतन के मोबाइल में उसकी एक सेल्फी वाली फोटो मिली जो घटना से कुछ समय पहले उसी नाहरगढ़ की प्राचीन पर खींची गई थी.
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