कभी पिता तो अब बेटा दिखा रहा सख्त तेवर, भारत से क्यों बेरुखी दिखाता रहा है ट्रूडो परिवार!
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कनाडा के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे एलिएट ट्रूडो जनवरी 1971 में भारत आए थे. वह भारत के पांच दिन के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने भारत में ऊंट की सवारी से लेकर गंगा घाट तक का दौरा किया था. इतना ही नहीं वह ताजमहल का दीदार करना भी नहीं भूले थे. लेकिन भारत और कनाडा के संबंधों के बीच कड़वाहट की वजह खालिस्तानी मुद्दा नहीं बल्कि एक परमाणु परीक्षण था.
कनाडा, जस्टिन ट्रूडो, खालिस्तानी आतंकी और हरदीप सिंह निज्जर... ये कुछ ऐसे नाम हैं, जो बीते कुछ दिनों से देशभर में सुनाई दे रहे हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के निज्जर को लेकर दिए गए बयान के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी चरम पर पहुंच गई है. लेकिन इतिहास गवाह है कि दोनों देशों के रिश्तों पर जमी यह बर्फ आज की नहीं है. यह मामला उस समय का है जब जस्टिन ट्रूडो के पिता कनाडा के प्रधानमंत्री थे.
कनाडा के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे एलिएट ट्रूडो जनवरी 1971 में भारत आए थे. वह भारत के पांच दिन के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने भारत में ऊंट की सवारी से लेकर गंगा घाट तक का दौरा किया था. इतना ही नहीं वह ताजमहल का दीदार करना भी नहीं भूले थे. लेकिन भारत और कनाडा के संबंधों के बीच कड़वाहट की वजह खालिस्तानी मुद्दा नहीं बल्कि एक परमाणु परीक्षण था.
यह वह समय था, जब भारत सरकार ने कनाडा से कनाडा ड्यूटेरियम यूरेनियम रिएक्टर यानी CANDU Reactor मंगाया था. ये रिएक्टर शांतिपूर्ण न्यूक्लियर एनर्जी हासिल करने के लिए मंगाया गया था. बाद में यही मशीन दोनों देशों के बीच कड़वाहट की वजह बनी.
कनाडा और भारत के बीच हुई थी डील?
CANDU Reactor के जरिए यूरेनियम से परमाणु ऊर्जा उत्पन्न की जाती थी. यह भारत जैसे विकासशील देशों के लिए बहुत लाभकारी था लेकिन भारत में इसके लिए उत्पादन इकाइयां नहीं थी. ऐसे में यूरेनियम के अलावा प्लूटोनियम को हरी झंडी दी गई. इस तरह अमेरिका और कनाडा सस्ती परमाणु ऊर्जा के लिए भारत के सिविल न्यूक्लियर प्रोग्राम में भागीदार बने. इसके अलावा कनाडा-भारत रिएक्टर, यूएस या CIRUS न्यूक्लियर रिएक्टर में भी साझेदारी हुई.
CIRUS रिएक्टर को जुलाई 1960 में शुरू किया गया था और इसे कनाडा के सहयोग से होमी जहांगीर भाभा की अगुवाई में तैयार किया गया था. इस दौरान कनाडा के प्रधानंमत्री पियरे ने कहा था कि यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है और अगर भारत किसी तरह का परमाणु परीक्षण करता है तो कनाडा उसके परमाणु सहयोग कार्यक्रम को सस्पेंड कर देगा.
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