कपिल सिब्बल बोले- सुप्रीम कोर्ट से कोई उम्मीद नहीं बची, वकीलों ने की अवमानना कार्यवाही की मांग
The Wire
वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों को लेकर कहा कि यदि आपको लगता है कि जज हमेशा क़ानून के अनुसार निर्णय लेते हैं, तो आप ग़लत हैं. राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मामले कुछ चुनिंदा जजों को दिए जाते हैं और निर्णय का क्या होगा, यह कोई भी बता सकता है.
उन्होंने कहा कि एसआईटी ने आरोपों का सामना कर रहे कई लोगों को सिर्फ उनके बयान पर भरोसा करके बरी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के सामने इन बिंदुओं को उठाया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. यहां तक कि एक कानून का छात्र भी जानता होगा कि एक आरोपी को उसके बयान के आधार पर छोड़ा नहीं जा सकता है.
जकिया जाफरी के मामले को खारिज किए जाने के बाद गिरफ्तार की गईं तीस्ता सीतलवाड़ के संबंध में बात करते हुए सिब्बल ने कहा कि उनसे संबंधित कोई भी तर्क अदालत में प्रस्तुत नहीं किए गए थे और कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी कर दी जो उनकी गिरफ्तारी का कारण बनी.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मामले कुछ चुनिंदा जजों को दिए जाते हैं और फैसले की भविष्यवाणी हर कोई पहले से कर सकता है.
न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक अदालत जहां समझौते से जज नियुक्त किए जाते हैं, एक अदालत जहां यह तय करने की कोई व्यवस्था नहीं है कि कौन-सा मामला किस पीठ को दिया जाएगा, जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश तय करते हैं कि कौन-सा मामला किस पीठ द्वारा और कब सुना जाएगा, वह अदालत कभी भी स्वतंत्र नहीं हो सकती.’