
कनाडा में ट्रक चालकों के संघर्ष में पंजाबी क्यों नहीं शामिल?
BBC
कनाडा में ट्रक चालक पिछले दो सप्ताह से संघर्ष कर रहे हैं. जस्टिन ट्रूडो सरकार के साथ बातचीत के प्रयास सफल नहीं रहे हैं. लेकिन इस आंदोलन में पंजाबी ट्रक ड्राइवरों की भागीदारी नहीं है. कारण क्या है.
कनाडा की राजधानी ओटावा में ट्रक चालक पिछले दो सप्ताह से संघर्ष कर रहे हैं. जस्टिन ट्रूडो सरकार के साथ बातचीत के प्रयास सफल नहीं रहे हैं. ओटावा प्रशासन ने शहर में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है, लेकिन ट्रक वाले पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
तलविंदर मंड ब्रैंपटन में ट्रक के कारोबार से जुड़े हैं. उन्होंने बीबीसी पंजाबी को बताया कि ''जस्टिन ट्रूडो सरकार ने कुछ हफ़्ते पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार आने-जाने वाले ट्रक वालों के लिए कोरोना का टीका लगाना अनिवार्य कर दिया था. अगर किसी व्यक्ति ने वैक्सीन नहीं लगाई हो, तो उसे 14 दिनों तक घर पर ही क्वॉरंटाइन रहना होगा.''
मंड के मुताबिक़, बड़ी संख्या में ट्रक वाले इस अनिवार्य शर्त का विरोध कर रहे हैं. ट्रक वालों का मानना है कि टीका अधिक प्रभावी नहीं है. उनका कहना है कि जब ट्रक वाले अमेरिका-कनाडा सीमा पार करते हैं तो उन्हें सुरक्षा एजेंसियां प्रताड़ित करती हैं. यही इस संघर्ष का मूल कारण है.
ट्रक वालों का तर्क है कि जब महामारी अपने चरम पर थी तो ट्रकिंग को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया गया था और कोई प्रतिबंध नहीं था. अब जब महामारी समाप्त होने वाली है तो टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है.