![कच्चे धागे की बढ़ती कीमतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में](https://c.ndtvimg.com/2019-11/834ouo4o_industry-generic-unsplash_625x300_09_November_19.jpg)
कच्चे धागे की बढ़ती कीमतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में
NDTV India
कोविड लॉकडाउन और अब कच्चे धागे और यार्न की बढ़ती कीमत के चलते भारत के रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में हैं. इस संकट के चलते इस साल भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग का निर्यात कम होकर 20 बिलियन डॉलर का रह गया है, वहीं बांग्लादेश का 35 बिलियन डालर का है. एक करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाला गारमेंट उद्योग मुश्किलों में है. दिक्कतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय बांग्लादेश, चीन और वियतनाम के मुकाबले पिछड़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में रेडीमेट गारमेंट बनाने की तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं, जिनसे 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं. लेकिन पहले कोविड की बंदिश और अब महंगे यार्न और कच्चे धागे ने रेडीमेड कपड़े के व्यवसाय की कमर तोड़ दी है.
कोविड लॉकडाउन और अब कच्चे धागे और यार्न की बढ़ती कीमत के चलते भारत के रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में हैं. इस संकट के चलते इस साल भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग का निर्यात कम होकर 20 बिलियन डॉलर का रह गया है, वहीं बांग्लादेश का 35 बिलियन डालर का है. एक करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाला गारमेंट उद्योग मुश्किलों में है. दिक्कतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय बांग्लादेश, चीन और वियतनाम के मुकाबले पिछड़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में रेडीमेट गारमेंट बनाने की तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं, जिनसे 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं. लेकिन पहले कोविड की बंदिश और अब महंगे यार्न और कच्चे धागे ने रेडीमेड कपड़े के व्यवसाय की कमर तोड़ दी है.More Related News