कई दिन की उधेड़बुन के बाद पुराने मुख्यमंत्रियों पर ही बीजेपी ने क्यों लगाई मुहर- प्रेस रिव्यू
BBC
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पुराने मुख्यमंत्रियों को ही फिर से सत्ता सौंपने का फ़ैसला किया है. आख़िर इसके पीछे की वजह क्या है. पढ़िए आज के अख़बारों की अहम सुर्खियां.
11 दिन चली उधेड़बुन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आख़िरकार उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पुराने मुख्यमंत्रियों को ही फिर से सत्ता सौंपने का फ़ैसला किया है. इस सूची में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हो सकते हैं. आज के प्रेस रिव्यू में सबसे पहले यही ख़बर पढ़िए.
बीजेपी ने सोमवार को उत्तराखंड की कमान एक बार फिर से पुष्कर सिंह धामी को देने का फ़ैसला किया है. वहीं, गोवा में भी प्रमोद सावंत ही अगले सीएम बनेंगे. उत्तराखंड और गोवा में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में यथास्थिति रखते हुए धामी और सावंत को नेता चुना गया. इससे एक दिन पहले यानी रविवार को एन. बीरेन सिंह ने मणिपुर के सीएम पद की शपथ ली.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू लिखता है, उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हारने के बावजूद दोबारा मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है. बीजेपी ने राज्य में बहुमत हासिल किया है, लेकिन धामी अपनी खटिमा से हार गए थे.
हिमाचल प्रदेश में साल 2017 के चुनावों में बीजेपी ने ठीक इससे उलट किया था, जब प्रेम कुमार धूमल को सरकार से बाहर रखा गया था क्योंकि वो अपनी सीट हार गए थे, लेकिन पार्टी जीत गई थी. उस समय जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री चुना गया था. अब पुष्कर सिंह धामी को छह माह के अंदर किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़वाकर सदन में भेजा जाएगा.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार उत्तराखंड में धामी को मुख्यमंत्री चुनने के फैसले ने उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य की राह भी आसान हो सकती है. योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी धामी की तरह अपनी सिराथू सीट से हार गए थे. हालांकि, अभी तक इस पर कोई आख़िरी फ़ैसला नहीं लिया गया है.ॉ