'कई चुनाव आयुक्त हुए... टीएन शेषन कभी-कभार ही होते हैं', जब SC में हुआ पूर्व CEC का जिक्र
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पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की चर्चा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों के "नाजुक कंधों" पर भारी शक्तियां समाहित की हैं और सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि टी एन शेषन जैसे मजबूत चरित्र का व्यक्ति देश का मुख्य चुनाव आयुक्त बने.
चुनाव आयोग की शक्तियों की बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रहे टीएन शेषन की याद दिला दी. मंगलवार को एक मामले पर जिरह के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में कई मुख्य चुनाव आयुक्त हुए हैं, लेकिन टी एन शेषन कभी-कभार ही होते हैं. हम नहीं चाहते हैं कि उसे कोई उसे दबाए.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों के "नाजुक कंधों" पर भारी शक्तियां निहित कर दी हैं और सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि दिवंगत टी एन शेषन जैसे मजबूत चरित्र का व्यक्ति देश का मुख्य चुनाव आयुक्त बने.
बता दें कि टी.एन. शेषन तमिलनाडु कैडर से 1955 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के ऑफिसर थे. टी. एन. शेषन ने भारत के 18वें कैबिनेट सचिव के रूप में 27 मार्च 1989 से 23 दिसंबर 1989 तक सेवा दी. वो 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 को भारत के मुख्य चुनाव बने और 11 दिसंबर 1996 तक इस पद पर रहे.
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में टीएन शेषन की संवैधानिक दायित्वों के प्रति दबंगई ने चुनाव आयोग को नई पहचान दी. इसी दौरान बिहार में विधानसभा चुनाव हुए. सीईसी के रूप में उनकी सख्ती मिसाल बन गई. शेषन ने चुनाव सुधारों की शुरुआत बिहार से की. तब बिहार बूथ कैप्चरिंग के लिए बदनाम था. शेषन ने चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती करवाई और बूथ कैप्चरिंग और हिंसा को रोकने में कामयाब रहे.
सुप्रीम कोर्ट में टीएन शेषन के काम का जिक्र
मंगलवार को चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच में सुनवाई हुई. जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता में हुई इस सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि कोर्ट की कोशिश है कि वो एक सिस्टम तैयार किया जाए कि 'बेस्ट मैन; मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चुना जाए.
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