![ओवरसीज़ सिटिजंस ऑफ़ इंडिया का आरोप, सरकार द्वारा बोलने की आज़ादी के दमन किया जा रहा](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2018/10/Supreme-court-PTI-new.jpg)
ओवरसीज़ सिटिजंस ऑफ़ इंडिया का आरोप, सरकार द्वारा बोलने की आज़ादी के दमन किया जा रहा
The Wire
कई ओसीआई कार्डधारकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि नागरिकता क़ानून के तहत सरकार को मनमानी शक्तियां मिल गई हैं, जिसके कारण वे अपना प्रतिरोध नहीं जता पाते हैं, उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं इसके चलते उनका रजिस्ट्रेशन रद्द न कर दिया जाए.
नई दिल्ली: लगभग अस्सी ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके बोलने एवं अभिव्यक्ति तथा प्रतिरोध की आजादी को दबाया जा रहा है. ओसीआई कार्डधारक विदेशी नागरिक होता है, जिसके पास विदेश का पासपोर्ट होता है और वह भारत का नागरिक नहीं है, लेकिन जन्म या पूर्वजों के चलते उनका यहां से संबंध होता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं ने कहा कि किसी कानून के उल्लंघन या भारतीय संविधान की अवज्ञा करने पर नागरिकता कानून की धारा 7 डी के तहत भारत सरकार ओसीआई कार्ड धारक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकती है. उन्होंने कहा, ‘अधिनियम की धारा 7 डी(बी) भारत सरकार को यह इजाजत देती है कि यदि भारतीय संविधान के प्रति नाराजगी जाहिर की जाती है तो वह संबंधित व्यक्ति का ओसीआई पंजीकरण को रद्द कर दें और 7 डी(डी) किसी भी कानून के उल्लंघन के लिए ओसीआई पंजीकरण रद्द करने की अनुमति देता है.’More Related News