
ओली का 'भारत के ख़िलाफ़ बयान' क्या नेपाल में उनके लिए वो राष्ट्रवाद है?
BBC
भारत और नेपाल के रिश्ते हाल के वर्षों में काफ़ी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. नेपाल के पूर्व पीएम केपी ओली के ताज़ा आरोपों की क्या है वजह?
क्या भारत ने नेपाल पर नए संविधान को लागू नहीं करने के लिए दबाव बनाया था? क्या भारत के तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर ने नेपाल के नेतृत्व को 'धमकाया' भी था?
भारत की ओर से ऐसा करने का ना तो कोई दावा किया गया है, ना ही इसकी पुष्टि की गई है. लेकिन नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आरोप लगाया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में नेपाल पहुँचे एस जयशंकर ने नेपाल के नेतृव से 'धमकी भरे लहजे' में बात की थी.
वर्ष 2015 में नेपाल ने अपना नया संविधान बनाया था और आरोप लगे थे कि नए संविधान में तराई के इलाक़ों में रहने वाले मधेशियों के अधिकारों को अनदेखा कर दिया गया. इसको लेकर मधेशी बहुल तराई के इलाक़ों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए और इस दौरान कुछ लोगों की मौत भी हुई थी.
भारत ने नेपाल के नए संविधान को लेकर कभी आधिकारिक रूप से कोई विरोध ज़ाहिर नहीं किया, लेकिन नेपाल के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बातचीत के दौरान भारत ने इस पर चिंता ज़रूर ज़ाहिर की थी. ओली का बयान ऐसे समय में आया, जब नेपाल में संविधान दिवस मनाया जा रहा था.
अपनी पार्टी यानी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) के सामने पेश किए गए 'राजनीतिक दस्तावेज़' में ओली ने यह टिप्पणी की है. उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब नेपाल राजनीतिक संकट के दौर से तो गुज़र रहा है और उनको अपनी पार्टी में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.