ऑपरेशन ब्लू स्टार : जनरल शाबेग सिंह जो भारत के लिए लड़े और भारत के ख़िलाफ़ भी - विवेचना
BBC
1971 की बांग्लादेश लड़ाई में मेजर जनरल शाबेग सिंह ने मुक्ति बाहिनी को प्रशिक्षण दिया था. ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौक़े पर रेहान फ़ज़ल नज़र डाल रहे हैं जनरल शाबेग सिंह के जीवन पर
ऑपरेशन ब्लूस्टार से कुछ समय पहले स्वर्ण मंदिर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के साथ अक्सर एक लंबी सफ़ेद दाढ़ी और करीने से पगड़ी बाँधने वाले शख़्स को बैठे देखा जाता था.
वो देखने में दुबले-पतले ज़रूर थे लेकिन उनका चेहरा बौद्धिक था. बाहर से वो एक ग्रंथी होने का आभास देते थे, लेकिन वास्तव में वो एक सिपाही थे- ये थे मेजर जनरल शाबेग सिंह जिन्होंने भारतीय सैनिकों के ख़िलाफ़ स्वर्ण मंदिर में व्यूह रचना की थी.
जब तीन महीनों बाद भारतीय सेना स्वर्ण मंदिर में घुसी थी तो उन्होंने ही करीब 200 अनुयायियों के साथ उसका सामना किया था.
शाबेग सिंह पढ़ने-लिखने के शौकीन थे और सात भाषाएं पंजाबी, फ़ारसी, उर्दू, बांग्ला, गोरखाली, हिंदी और अंग्रेज़ी रवानगी से बोल लेते थे.