
ऑनलाइन लोन देने वाले मोबाइल ऐप ज्यादा ब्याज नहीं ले सकते : दिल्ली हाईकोर्ट
NDTV India
आरबीआई (RBI) का पक्ष रख रहे अधिवक्ता रमेश बाबू एमआर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नियमन का काम करता है और वह ऑनलाइन ऋण (Online Loan) प्रदाताओं का नियमन नहीं करता तथा ऐसा करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मोबाइल ऐप के जरिये अल्पावधि के पर्सनल लोन देने वाले ऑनलाइन ऋण (Online Loan) प्रदाता मंचों को अत्यधिक ब्याज और प्रोसेसिंग शुल्क लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अदालत ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से इस मामले को देखने को कहा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले को विशेषज्ञ निकाय द्वारा देखे जाने की जरूरत है. अदालत ने उम्मीद जताई की इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तक केंद्र और आरबीआई (RBI) किसी समाधान के साथ आएंगे.More Related News