
ऑनलाइन क्लासेस से स्ट्रेस तो नहीं बढ़ रहा आपके बच्चे पर, जानें इस तरह
NDTV India
ऑन लाइन पढ़ने पर ऐसा लगता जरूर है कि पढ़ाई का बोझ हल्का हुआ है, पर फिजिकल एक्टिविटी, दोस्तों का साथ और रूटीन गड़बड़ाने से मेंटल स्ट्रेस बढ़ रहा है. अगर आपके बच्चे में भी नजर आ रहे हैं कुछ ऐसे बदलाव तो समझ लीजिए आपके सतर्क होने का वक्त हो गया है.
कोरोना काल ने बच्चों के पढ़ने के तरीके को बिलकुल बदल दिया है. इस वक्त से पहले तक जो पैरेंट्स अपने बच्चों को स्क्रीन से दूर रखते थे. उन्हें भी मजबूरी में ही सही पर बच्चों को मोबाइल या लैपटॉप देना पड़ रहा है ताकि वो अपनी क्लासेस अटेंड कर सकें. स्कूल में हाजिरी लगाने और क्लास अटेंड करने का यही एकमात्र तरीका बचा है, फिलहाल. इसके बाद अगर ट्यूशन या कोचिंग हो तो और भी ज्यादा मुसीबत. पैरेंट्स न चाहते हुए भी बच्चों की बढ़ती स्क्रीन टाइमिंग के आगे बेबस हो रहे हैं. इसका खामियाजा बच्चों को भी भुगतना ही पड़ रहा है. ऑन लाइन पढ़ने पर ऐसा लगता जरूर है कि पढ़ाई का बोझ हल्का हुआ है. पर फिजिकल एक्टिविटी, दोस्तों का साथ और रूटीन गड़बड़ाने से बच्चों में मेंटल स्ट्रेस बढ़ रहा है. अगर आपके बच्चे में भी नजर आ रहे हैं कुछ ऐसे बदलाव तो समझ लीजिए आपके सतर्क होने का वक्त हो गया है.More Related News