ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी पर मैट्रिक्स की सफाई, कहा- आरोप आधारहीन
AajTak
कंपनी ने कहा कि आधारहीन आरोपों और गुमराह करने वाली जांच का सामना मैट्रिक्स की ओर से किया जाएगा और बहुत जल्द हम वापसी करने वाले हैं जिससे दिल्ली को मदद मिल सके. फिलहाल यह मामला अब दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है.
दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कालाबाजारी को लेकर दिल्ली पुलिस ने कल मैट्रिक्स सेलुलर सर्विस लिमिटेड के सीईओ गौरव खन्ना को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बीच कंपनी ने जहां एक ओर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है तो वहीं प्रेस रिलीज जारी कर सफाई दी है. मैट्रिक्स ने बयान जारी कर सफाई दी है और कहा है कि यह सब एक गलत-अवधारणा और गलत जांच की पृष्ठभूमि की वजह से है. मैट्रिक्स सेलुलर इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड (मैट्रिक्स) ने कहा कि वह पिछले 25 सालों से एक गुड कॉर्पोरेट सिटिजन है, जो अपने ग्राहकों को दुनिया की यात्रा करने और अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहने में सक्षम बनाता है. हमारे कॉर्पोरेट मूल्यों और संकट के समय में योगदान करने की इच्छा के अनुरूप, हमने तुरंत अपने नेटवर्क के सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया ताकि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए मास्क, ऑक्सीमीटर, सैनेटाइजेशन उपकरण और ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स जैसी जरूरी चीजें मुहैया कराई जा सके.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.