
ऑक्सीजन ऑडिट कमिटी ने माना- कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली ने बढ़ा-चढ़ा कर बताई थी ऑक्सीजन की मांग
ABP News
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन की सप्लाई की जाए.कोर्ट में बहस के दौरान केंद्र के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा था कि दिल्ली को अधिकतम 415 मीट्रिक टन की ज़रूरत है. मेहता ने दिल्ली के ऑक्सीजन ऑडिट की मांग उठाई थी.
नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली ने अपनी ऑक्सीजन ज़रूरत को बढ़ा-चढ़ा कर बताया. इससे दूसरे राज्यों की ऑक्सीजन आपूर्ति पर बुरा असर पड़ सकता था. दिल्ली के ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित कमिटी ने यह बात मानी है. कमिटी के मुताबिक दिल्ली की तरफ से 25 अप्रैल से 10 मई के बीच ऑक्सीजन की जो मांग रखी, वह वास्तविक आवश्यकता से 4 गुना तक अधिक हो सकती है. 8 मई को सुप्रीम कोर्ट ने देश में ऑक्सीजन वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 12 सदस्यीय टास्क फोर्स बनाया था. दिल्ली के लिए अलग से एक सब-ग्रुप बनाया गया था. इसमें एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, मैक्स हेल्थकेयर के संदीप बुद्धिराजा के साथ केंद्र और दिल्ली के 1-1 वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं.More Related News