एल्गार परिषद केस: महेश राउत की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची NIA, 5 अक्टूबर को होगी सुनवाई
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने राउत को जमानत दे दी थी. हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुरोध पर कोर्ट ने अपनी ही आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है.
एल्गार परिषद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले पांच साल से जेल में बंद वन अधिकार कार्यकर्ता महेश राउत की जमानत पर लगी रोक को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राउत को जमानत दे दी थी. हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुरोध पर कोर्ट ने अपनी ही आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है.
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को 5 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ा दिया है. उधर, राउत के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को साढ़े पांच साल बाद जमानत दी गई है, जबकि वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में फेलो थे. यह मामला पूरी तरह से वर्नोन गोंजाल्विस के केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में आता है.
बता दें कि एल्गार परिषद 31 दिसंबर, 2017 को पुणे शहर में आयोजित एक कार्यक्रम था. कार्यक्रम में कथित तौर पर दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण 1 जनवरी, 2018 को ग्रामीण पुणे के भीमा कोरेगांव में दंगा हुआ. पुलिस के मुताबिक, उनकी जांच से उन्हें सीपीआई (माओवादी) का एल्गार परिषद से कनेक्शन मिला. इसी मामले में कई गिरफ्तारी हुई थीं.
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