एलन मस्क का ग्लोबल पॉलिटिक्स को लेकर क्या है एजेंडा? जानिए ट्विटर खरीदने के बाद कैसा रहा है रुख
AajTak
अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्ट में हवा बनाने के बाद, एलन मस्क की नजर अब यूरोपीय देशों में राजनीतिक सिनेरियो को बदलने पर है. ब्रिटेन में, उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को हटाने की मांग की है और गलत सूचना फैलाने के मामले में X की जांच को लेकर ब्राजील के प्रति नाराजगी जताई है.
बिजनेसमेन और समस्याओं का हल निकालने के लिए मशहूर शख्स से लेकर राजनीतिक लीडर तक, दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने ट्विटर (X) को खरीदने के बाद एक लंबा सफर तय किया है. उन्होंने इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कॉन्सपिरेसी थियरीज को बढ़ावा देने, अमेरिका के सहयोगी देशों के नेताओं पर हमला करने और यूरोपीय राजनीति में पक्ष लेने के लिए किया है.
अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्ट में हवा बनाने के बाद, एलन मस्क की नजर अब यूरोपीय देशों में राजनीतिक सिनेरियो को बदलने पर है. ब्रिटेन में, उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को हटाने की मांग की है और गलत सूचना फैलाने के मामले में X की जांच को लेकर ब्राजील के प्रति नाराजगी जताई है.
इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम द्वारा मस्क के X पोस्ट का एनालिसिस करने से जर्मनी, ब्रिटेन और ब्राजील में उनके फोकस एरियाज का पता चलता है. एलन मस्क ने 2023 में ट्विटर को खरीदा. इसके बाद जनवरी 2024 से, उनका सोशल मीडिया रुख बदल गया. इसे ध्यान में रखते हुए, एनालिसिस किए गए पोस्ट 1 जनवरी, 2023 और 6 जनवरी, 2025 के बीच के हैं.
जनवरी, 2023 से अब तक मस्क के X पर किए गए पोस्ट में 'जर्मनी' शब्द 27 बार आया है. इससे पहले की स्थिति पर नजर डाली जाय तो साल 2009 में ट्विटर पर आने के बाद उन्होंने सिर्फ 9 बार इस देश का जिक्र किया था.
9 जनवरी को एलन मस्क X पर एएफडी नेता एलिस वीडेल के साथ एक लाइव सेशन होस्ट करने वाले थे. पिछले साल एक मीडिया जांच से पता चला कि वीडेल के दादा एक प्रमुख नाजी जज थे, जिन्हें सीधे एडॉल्फ हिटलर द्वारा नियुक्त किया गया था. जर्मनी ने मस्क के बयान को 'चुनाव में हस्तक्षेप' कहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं.
मशफी बिन्ते शम्स ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण एकमात्र मुद्दा नहीं है, और दोनों देश अपने 'बहुआयामी' संबंधों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'शेख हसीना का प्रत्यर्पण अभी बांग्लादेश सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि अल्पकालिक स्थितियों पर ध्यान देने के बजाय, दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जबसे चुनाव जीते हैं तबसे ही उन्होंने ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा जाहिर करनी एक बार फिर शुरू कर दी है. हालांकि, उनका सपना पूरा होना इतना आसान नहीं है. बात को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप के बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ग्रीनलैंड पहुंचे हैं. उनके वहां पहुंचने के बाद डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने इस मामले में काफी संभला हुआ बयान दिया है.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने 'ग्रेटर अमेरिका' प्लान का खुलासा किया है. इस योजना में कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने, ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर नियंत्रण स्थापित करने की बात शामिल है. ट्रंप ने कहा कि वे आर्थिक शक्ति का उपयोग करेंगे, लेकिन जरूरत पड़ने पर सैन्य बल का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
क्या अमेरिका के बाद कनाडा से भी गायब हो जाएगा वामपंथ, क्यों सारे बड़े देश अब लिबरल के टैग से बच रहे?
इंटरनेशनल मंच पर बेतुकी बयानबाजियों के चलते जस्टिन ट्रूडो अपने ही देश में ऐसे घिरे कि इस्तीफा देना पड़ गया. कयास हैं कि विपक्षी पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे ट्रूडो की जगह ले सकते हैं. पोइलिवरे दक्षिणपंथी सोच के लिए जाने जाते हैं. अमेरिका में भी डोनाल्ड ट्रंप के साथ वामपंथ किनारे हो गया. यूरोप में भी कमोबेश यही हाल है. तो क्या लेफ्ट की राजनीति से विदाई हो जाएगी?