
एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के सदस्यों के जबरन लिंग परिवर्तन पर कड़ी कार्रवाई की जाए: केरल हाईकोर्ट
The Wire
केरल हाईकोर्ट मलयाली एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के ‘क्वीराला’ और लिंग-परिवर्तन से गुज़रे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस व्यक्ति ने उसका जबरन लिंग-परिवर्तन किए जाने का आरोप लगाया है. अदालत ने केरल सरकार को लिंग परिवर्तन संबंधी प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया है.
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीर (एलजीबीटीआईक्यू) समुदाय के लोगों के यौन झुकाव या लैंगिक पहचान और अभिव्यक्ति (भावभंगिमा) में किसी भी जबरन परिवर्तन के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. इसी के साथ न्यायालय ने राज्य सरकार को ऐसी प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया.
उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि चिकित्सीय दृष्टि से लिंग-परिवर्तन उपचार संभव हो तो उसके लिए दिशानिर्देश जरूरी है तथा केरल सरकार इस पर गौर करे एवं जरूरी होने पर विषय का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करे.
जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन ने कहा, ‘अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर प्रथम प्रतिवादी पांच महीने में दिशानिर्देश तैयार कर उसे अदालत में पेश करे.’
उच्च न्यायालय ने इस मामले में अब 18 मई, 2022 को आगे सुनवाई करेगा. अदालत ने कहा कि अगली तारीख पर सरकार दिशानिर्देश उसके सामने पेश करे.