एयर इंडिया के बाद सरकार नीलाचल इस्पात को 12,100 करोड़ रुपये में टाटा स्टील को बेचेगी
The Wire
निजीकरण की प्रक्रिया के तहत टाटा लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड, नीलाचल इस्पात में 93.71 प्रतिशत इक्विटी हासिल करने में सक्षम होगी. नीलाचल इस्पात का ओडिशा के कलिंगनगर में 11 लाख टन की क्षमता वाला एकीकृत इस्पात संयंत्र है, जो भारी घाटे में चल रहा है और यह 30 मार्च, 2020 से बंद है. एयर इंडिया के बाद मोदी सरकार का यह दूसरा निजीकरण समझौता होगा. टाटा समूह ने हाल ही में एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.
नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों- खनिज एवं धातु व्यापार निगम लिमिटेड (एमएमटीसी), राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) और मेकॉन तथा ओडिशा सरकार की दो कंपनियों- ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) और इंडस्ट्रियल प्रमोशन एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ ओडिशा लिमिटेड (आईपीआईसीओएल) का संयुक्त उद्यम है. Government approves strategic buyer for Neelachal Ispat Nigam Ltd located in Odisha. The highest bid of Rs12,100 crore by M /s Tata Steel Long Products Ltd is accepted https://t.co/RDfByvp682 pic.twitter.com/b7IHrO11om
एनआईएनएल में एमएमटीसी की 49.78 प्रतिशत, ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन की 20.47 प्रतिशत, आईपीआईसीओएल की 12 प्रतिशत, एनएमडीसी 10.10 प्रतिशत तथा मेकॉन और भेल की 0.68-0.68 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. — Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) January 31, 2022
जनवरी 2020 में केंद्र की मोदी सरकार ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड की रणनीतिक बिक्री को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी.
एनआईएनएल का ओडिशा के कलिंगनगर में 11 लाख टन की क्षमता वाला एकीकृत इस्पात संयंत्र है. कंपनी भारी घाटे में चल रही है और यह संयंत्र 30 मार्च, 2020 से बंद है.