एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोरोना पर मानी यह बात- प्रेस रिव्यू
BBC
रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि स्थिति से निपटने के लिए ट्राइगेजिंग नाम की एक रणनीति पर काम चल रहा है.
देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहे जबर्दस्त दबाव के कारण मरीज़ों के लिए अस्पताल में बेड का इंतज़ार करना देश में अधिक मौतों की एक वजह हो सकती है. इंडियन एक्सप्रेस के दिए एक साक्षात्कार में गुलेरिया ने कहा कि देश में बीते नौ दिनों से लगातार संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "स्थिति से निपटने के लिए हम ट्राइगेजिंग नाम की एक रणनीति पर काम कर रहे हैं. जैसे कि अगर किसी मरीज़ की स्थिति बेहतर है और उसे ऑक्सीजन सिलिंडर की ज़रूरत नहीं है तो उसे बिना ऑक्सीजन वाले बेड में शिफ्ट किया जाए और उसे निगरानी में रखा जाए. अस्पताल को दो हिस्सों में बाँटा जाए, पहला उन मरीज़ों के लिए जिन्हें अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की ज़रूरत है और दूसरा उन मरीज़ों के लिए जिन्हें कम ऑक्सीजन की ज़रूरत है." उन्होंने कहा, "आज से पहले ट्राइगेजिंग जैसी रणनीति की ज़रूरत नहीं पड़ी लेकिन अब ये अहम होता जा रहा है. महामारी की पहली लहर में संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे इज़ाफा हुआ लेकिन दूसरी लहर में जैसे संक्रमितों की संख्या में रॉकेट की तेज़ी से उछाल आया है. इस कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर इसका जबर्दस्त दवाब पड़ा रहा है. तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं जिस कारण संसाधनों की कमी हो रही है." उन्होंने कहा कि देश में मौतों के आँकड़े बढ़ने की दो या तीन वजहें हो सकती हैं.More Related News