एबीजी शिपयार्ड मामला: सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी कहे जा रहे इस मामले में अब तक हमें जो पता है
BBC
एसबीआई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कंपनी को दो दर्जन बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज़ दिया था. लेकिन ख़राब प्रदर्शन की वजह से नवंबर 2013 में इसका खाता एनपीए बन गया.
सीबीआई ने कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके पूर्व सीएमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल और तत्कालीन डायरेक्टरों संथानम मुथुस्वामी और अश्विनी कुमार के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. अगर इतने बड़े रक़म की अनियमितता पाई गई तो यह देश की अब तक की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी बन जाएगी.
इससे पहले नीरव मोदी ने पंजाब नैशनल बैंक को लगभग 13 हज़ार करोड़ रुपये का चूना लगाया था. तब उसे भारत के बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी कहा गया था.
मामले में शिकायत दर्ज कराने में देरी के आरोप पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड का अकाउंट एनसीएलटी की प्रक्रिया के तहत लिक्विडेशन के दौर से गुज़र रहा है.
बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में कंपनी के ख़िलाफ़ एसबीआई ने पहली बार नवंबर 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद एक और शिकायत दिसंबर 2020 में की गई. बैंक ने कहा है कि शिकायत दर्ज कराने में कोई देरी नहीं हुई है.