एनजेएसी को फिर से लाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है: सरकार ने राज्यसभा में कहा
The Wire
न्यायाधीशों की नियुक्ति के मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने के लक्ष्य से सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ख़ारिज कर दिया था. केंद्र की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब न्यायाधीशों की नियुक्ति की को लेकर न्यायपालिका के साथ उसका गतिरोध जारी है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और माकपा के जॉन ब्रिटास ने सवाल किया था कि क्या सरकार के पास ‘समुचित संशोधनों/बदलावों’ के साथ एनजेएसी को फिर से लाने का प्रस्ताव है. जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखित उत्तर में कहा कि ‘फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.’
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने के लक्ष्य से लाए गए एनजेएसी कानून को सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में खारिज कर दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कानून मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया था कि 5 दिसंबर तक हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की आठ सिफारिशें थीं और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति का एक प्रस्ताव सरकार के पास लंबित था.
मंत्रालय ने कहा था कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम की 11 सिफारिशें और एक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के स्थानांतरण की एक सिफारिश सरकार के पास लंबित थी.