
एनएसडी ने रंग महोत्सव में उत्पल दत्त के नाटक को आमंत्रित करने के बाद मंचन से इनकार किया
The Wire
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने फरवरी माह में होने वाले अपने 'भारत रंग महोत्सव' में विख्यात दिवंगत नाटककार और अभिनेता उत्पल दत्त द्वारा लिखित 'तितुमीर' नाटक को मंचन के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन अब अपने आमंत्रण को वापस ले लिया है. नाटक के निर्देशक का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि नाटक के मुख्य किरदार स्वतंत्रता सेनानी 'तितुमीर' मुसलमान हैं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए फरवरी में अपने यहां आयोजित होने वाले 22वें भारत रंग महोत्सव में विख्यात दिवंगत नाटककार और अभिनेता उत्पल दत्त द्व्रारा लिखित बांग्ला नाटक ‘तितुमीर’ के मंचन के लिए दिए गए अपने स्वयं के आमंत्रण को ही वापस ले लिया है.
कई नाटकों और फिल्मों के लिए दत्त को आज भी याद किया जाता है.
तितुमीर नाटक स्वतंत्रता से पहले के भारत की कहानी है और औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन को अत्याचारी के तौर पर प्रस्तुत करता है. नाटक के केंद्र में तितुमीर का किरदार है, जो एक बंगाली स्वतंत्रता सेनानी थे और जिन्होंने 1831 के नरकेलबेरिया विद्रोह का नेतृत्व किया था. इसे अंग्रेजों के खिलाफ पहला सशस्त्र किसान विद्रोह माना जाता है.
कोलकाता के थियेटर फॉरमेशन पोरिवर्तक के जॉयराज भट्टाचार्जी नाटक के निर्देशक हैं. एनएसडी द्वारा फरवरी में मंचन के लिए आमंत्रित किए गए नौ नाटकों में से पहला नाटक होने के बाद भी इसे बाहर करने के अचानक लिए गए फैसले पर उन्होंने हैरानी जताई है.