एक सरिया और एक पाइप... दिल्ली में पटाखों का 'विकल्प' बनी ये चीज क्या है?
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दिल्ली में पटाखों पर बैन लगा हुआ है. इस बीच कई लोग एक जुगाड़ का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं. सरिये और लोहे के पाइप से बनी इस चीज को पटाखों के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
दिवाली से पहले राजधानी दिल्ली में पटाखे बैन हो गए हैं. यहां तक की छह महीने की सजा का प्रावधान भी रखा गया है. बावजूद इसके क्या आपको भी बीच-बीच में एकदम से पटाखा फूटने जैसी आवाज आ रही है? अगर हां, तो इसकी दो वजह हैं. एक तरफ वे लोग हैं जो बैन से पहले ही पटाखे खरीद चुके हैं. दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो पटाखे जैसी आवाज निकालने वाला जुगाड़ ढूंढ चुके हैं.
इस जुगाड़ को देसी भाषा में 'नाल' कहा जाता है. इसे एक सरिए और लोहे के पाइप की मदद से तैयार कराया जा रहा है. दिल्ली-NCR के इलाकों में लोग पटाखे बैन होने के पहले से इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं. अब पटाखे बैन होने के बाद इनका चलन बढ़ गया है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोग खुले आम नाल का इस्तेमाल करते दिख जाएंगे.
कैसे काम करती है यह 'नाल'? कहां से खरीदी?
इस नाल से पटाखे जैसी आवाज निकालने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है. पहला है सरिये और पाइप से बना यह जुगाड़. दूसरा है पटाखों में इस्तेमाल होने वाले बारूद में डलने वाली चीजें. आम भाषा में इसे गंधक और पोटाश बोलते हैं. वहीं साइंस की भाषा में इसे सल्फर (गंधक) और पोटेशियम (पोटाश) बोलते हैं.
दिल्ली में हमें भी कुछ जगहों पर लोग इस चीज के जरिए पटाखा फोड़ने जैसी आवाज निकालते दिखे. हमने पूछा कि वे लोग ये नाल कहां से लाए? कुछ ने इस सवाल को टाल दिया. वहीं कुछ ने बताया कि उन्होंने सरिये और पाइप का जुगाड़ करके इसे पास के वेल्डिंग वाले से बनवाया है.
दूसरी तरफ विस्फोट के लिए इस्तेमाल की जा रही चीज भी आसपास कुछ ठिकानों पर मिल रही है, ऐसा हमें लोगों ने बताया. इसकी कीमत के बारे में पूछा गया तो पता चला कि आम दिनों में गंधक-पोटाश का यह कॉम्बो पैक 700-800 रुपये किलो में मिल जाता है. लेकिन अब दिवाली सेशन और पटाखों पर बैन के चलते इसकी कीमत बढ़ गई है. अब अगर किसी को एक किलो गंधक-पोटाश लेना है तो इसके लिए 1200-1400 रुपये किलो चुकाने होंगे.
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