'एक समय था जब मैं उनका सम्मान करता था,' प्रशांत किशोर के दावे पर बोले नीतीश कुमार
AajTak
बुधवार को प्रशांत किशोर का एक बयान आया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के संपर्क में हैं और अगर हालात की मांग होती है तो वे फिर से एनडीए के साथ गठजोड़ कर सकते हैं. प्रशांत किशोर इस वक्त बिहार में पदयात्रा पर हैं. अब प्रशांत के दावे पर नीतीश कुमार ने सफाई दी है.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दावे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई दी है. नीतीश ने कहा कि वह (प्रशांत) अपने प्रचार के लिए बोलते हैं और जो चाहें बोलते रहें, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. एक समय था- जब मैं उनका सम्मान करता था. जिनका मैं सम्मान करता था, उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है.
बता दें कि बुधवार को प्रशांत किशोर का एक बयान आया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के संपर्क में हैं और अगर हालात की मांग होती है तो वे फिर से एनडीए के साथ गठजोड़ कर सकते हैं. प्रशांत किशोर इस वक्त बिहार में पदयात्रा पर हैं. इस पदयात्रा को प्रशांत किशोर की सक्रिय राजनीति में एंट्री के रूप में देखा जा रहा है.
ये कहा नीतीश कुमार ने...
शुक्रवार को जब नीतीश कुमार से एनडीए के संपर्क में होने का सवाल किया गया तो वो उन्होंने कहा- 'काहे आप उस आदमी का नाम लेते हो. आप कृपा करके कभी मुझसे उनके बारे में मत पूछिए. एक बार तो हम बता ही दिए हैं. आखिर जिसको मर्जी है, रोज बोलता रहता है. उसको ठीक से जानते हैं. यही बोलता रहता है अपनी पब्लिसिटी के लिए. ये सब आप जानते ही हैं. बोलते रहने दीजिए- क्या फर्क पड़ता है हम लोगों को. हम तो किसी जमाने में उसको बहुत माना (सम्मान) है. अभी उसका क्या है और क्या बोलता है- बोलते रहने दीजिए. इसका कोई मतलब नहीं. हमने जिन लोगों की इज्जत की है, आपको मालूम है. उन्होंने मेरे साथ कितना दुर्व्यवहार किया है. क्या कीजिएगा. छोड़ दीजिएगा उसको. कोई कमेंट ही मत कीजिए उस पर.'
प्रशांत किशोर ने ये कहा था...
प्रशांत किशोर ने कहा- 'नीतीश कुमार ने JDU सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के जरिए भाजपा के साथ बातचीत की एक लाइन खुली रखी है. प्रशांत किशोर के बयान पर हरिवंश नारायण का भी रिएक्शन जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. हालांकि उनकी पार्टी ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि नीतीश कुमार फिर कभी भाजपा के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे.'
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.