एक फीचर को लेकर सरकार से भिड़ गया WhatsApp, क्या देश से जाना ही है विकल्प?
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WhatsApp में WhatsApp के 530 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं. दुनिया भर में सबसे ज्यादा कंपनी के यूजर्स इंडिया में ही हैं. ऐसे में WhatsApp के लिए भारतीय मार्केट बेहद अहम है. बावजूद इसके, कंपनी ने कोर्ट में ये कहा कि अगर एन्क्रिप्शन तोड़ने को मजबूर किया गया तो WhatsApp भारत से चला जाएगा. आखिर ऐसा क्यों हैं? क्यों महज एक फीचर के लिए WhatsApp अपना सबसे इंपॉर्टेंट मार्केट सैक्रिफाइस करने के लिए तैयार हो गया?
WhatsApp ने हाल ही में कोर्ट में कहा है कि अगर भारत सरकार का नियम (IT Rules 2021) कंपनी से एन्क्रिप्शन तोड़ने को कहता है तो कंपनी भारत से चली जाएगी. कंपनी के जाने के मतलब भारत में WhatsApp की सर्विस बंद. गौरतलब है कि WhatsApp के सबसे ज्यादा यूजर्स भारत में ही हैं यानी कंपनी की कमाई भारत से ही होती है.
ऐसे में कंपनी अगर कोर्ट में ये क्लियर कट कह रही है कि एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए फ़ोर्स किया गया तो भारत से एग्जिट हो जाएगी. इसका मतलब साफ़ है कि WhatsApp किसी भी क़ीमत पर एंड टु एंट एन्क्रिप्शन (End to end encryption) के साथ समझौता नहीं करना चाहता. ये मामला अब Indian Govt vs WhatsApp का हो गया है.
दरअसल IT Rules 2021 के तहत भारत में जिन इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप के रजिस्टर्ड यूजर्स 50 लाख से ज्यादा हैं उन्हें मैसेज का ओरिजनेटर बताना होगा. यानी मैसेज कहां से किसने किया इसकी जानकारी जरूरत पड़ने पर सरकारी एजेंसियों के साथ शेयर करना होगा. 2021 में ही WhatsApp इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है.
अब सवाल ये है कि क्यों WhatsApp इसके खिलाफ है? क्यों WhatsApp के लिए एंड टु एंड एन्क्रिप्शन तोड़ना मुश्किल है? ये जानने से पहले ये समझना होगा कि एंड टु एंड एन्क्रिप्शन क्या है और इसके फायदे क्या हैं. सबसे पहले जानते हैं इस मामले पर एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सुप्रीम कोर्ट के वकील और Aksapada Advocates, Global Law Firm के फाउंडर बीरेन्द्र कुमार मिश्रा ने WhatsApp के इस मामले पर हमें बताया कि इसमें कोई अलग ही रास्ता निकाले जाने की जरूरत है. बीरेन्द्र मिश्रा साइबर लॉ के भी एक्सपर्ट हैं. वो कहते हैं, 'जस्टिस पुट्टास्वामी के लैंडमार्क जजमेंट में प्राइवेसी को भारत के हर सिटिजन का मौलिक अधिकार बताया गया है और इसका सम्मान होना चाहिए. हालांकि IT Rules 2021 के तहत सरकार का उद्देश्य सिक्योरिटी मेजर्स को लेकर है जिसे भी हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए'
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