'एक देश-एक चुनाव' की तैयारी तेज, बिल को इस सत्र में पेश कर JPC को भेज सकती है सरकार
AajTak
सरकार चाहती है कि 'एक देश, एक चुनाव' के इस बिल पर आम सहमति बने और सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी. साथ ही, सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों को भी बुलाया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संसद के इस सत्र या अगले सत्र के दौरान 'एक देश, एक चुनाव' (One Nation, One Election) विधेयक पेश कर सकती है. इस बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जा सकता है. एक देश, एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.
सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम सहमति बने और सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी. साथ ही, सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों को भी बुलाया जा सकता है. इसके अलावा देश भर के बुद्धिजीवियों और आम लोगों की राय भी ली जाएगी.
एक देश एक चुनाव के फायदे, इसे संचालित करने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा होगी.सरकार को उम्मीद है कि इस बिल पर आम सहमति बन जाएगी.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई बनी समिति ने 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया था. इनमें से 32 ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया था. जबकि, 15 पार्टियां इसके विरोध में थीं. 15 ऐसी पार्टियां थीं, जिन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था.
यह भी पढ़ें: वन नेशन वन इलेक्शन के बाद अब वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ केरल सरकार, विधानसभा में लाएगी बिल
मोदी सरकार की प्राथमिकता में है एजेंडा
नए साल से पहले हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी का सिलसिला चल रहा है. इन दिनों बर्फबारी का सबसे ज्यादा असर हिमाचल प्रदेश में हैं. हिमाचल के कई इलाकों में जमा देने वाली ठंड पड़ रही है. बर्फबारी के चलते कई इलाकों में तापमान माइनस में पहुंच गया है और इस बीच सैलानियों के हिमाचल आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है. बड़ी संख्या में पर्यटक नए साल का जश्न मानने के लिए हिमाचल प्रदेश पहुंच रहे हैं. बर्फबारी के बीच हिमाचल के खूबसूरत नजारों का आनंद ले रहे हैं.
इंडिया टुडे/आजतक की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम द्वारा हाई रेज्योलूशन सैटेलाइट तस्वीरों में सैनिकों की वापसी के संकेत साफ दिखाई देते हैं, लेकिन चीन की ओर से तनाव कम करने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलता है. चीन पैंगोंग लेक के उत्तरी तट के पास विवादित क्षेत्रों में अपने सैन्य और दोहरे इस्तेमाल के लिए बुनियादी ढांचे बना रहा है
मोहन भागवत के मंदिर खोजने वाले बयान पर विवाद जारी है. वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन ने कहा कि अगर मथुरा और काशी मिल जाए तो बाकी मंदिरों की मांग छोड़ सकते हैं. उन्होंने 1984 के संतों के प्रस्ताव का जिक्र किया. जिसमें केवल तीन स्थान मांगे गए थे. जैन ने कहा कि अयोध्या तो मिल गया है, अब बाकी दो चाहिए. देखें VIDEO
संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से असहमति जताई है. भागवत ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोग नए मंदिर-मस्जिद विवाद उठाकर हिंदू नेता बनना चाहते हैं. ऑर्गनाइजर ने इस तर्क को नकारते हुए कहा कि विवादित स्थलों का इतिहास जानना सभ्यतागत न्याय के लिए जरूरी है. देखिए VIDEO
कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी हैं. स्थानीय प्रशासन की कोशिशों के नाकाम होने के बाद अब लोगों को रैट माइनर्स से काफी उम्मीदें हैं. वहीं,अपनी बेटी की हालत को लेकर चिंतित ढोली देवी ने सोमवार को हुए दुखद हादसे के बाद से कुछ भी नहीं खाया है.