
एक घातक वायरस और एक ट्वीट से फिर लौटी दो गुटों वाली दुनिया
The Quint
India China America: दुनिया के बहु-ध्रुवीकरण ने 2016 के आसपास गति पकड़ी जब चीनी और भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवर करके तेजी से बढ़ने लगी. multi-polarisation of world gathered momentum through to 2016, as the Chinese,Indian economies recovered,accelerated
ब्राजील, रूस, भारत और चीन (China) का संगठन (BRICs)- 21वीं सदी के पहले दशक की सबसे चर्चित भू-राजनीतिक घटना थी. इस टर्म को गोल्डमैन सैच्स के अर्थशास्त्री जिम ओ'नील द्वारा 9/11 हमले के बाद के अराजक पृष्ठभूमि में गढ़ा गया था. उस समय व्यापक तौर पर यह माना जाता था कि 2001 में अलकायदा द्वारा न्यूयॉर्क के ट्विन टावर पर हमले और उसके 7 साल,4 दिन बाद लेहमैन कोलैप्स की घटना ने अमेरिका (America) को 'किंग ऑफ वर्ल्ड' के तख्त से हटा दिया था. एकध्रुवीय दुनिया (Unipolar World) की जगह बहुध्रुवीय दुनिया (Multipolar World) ने दस्तक दी और BRICs की चौकड़ी में 2010 में साउथ अफ्रीका के शामिल हो जाने से कैपिटल S वाले ब्रिक्स (BRICS) का उभार हुआ. अब अमेरिका मात्र 'बराबरों में प्रथम' था.जब दुनिया का हुआ 'बहु-ध्रुवीकरण'वास्तव में 'अन्य देशों के उभार' को और बढ़ावा तब मिला जब 3 सबसे बड़े उभरते बाजारों -मेक्सिको, इंडोनेशिया और तुर्की ने BRICS को और मजबूती दी. इस तरह इन 7 'नए इकोनॉमिक पावर' की टोली ने उन्नत इकोनॉमी वाले परंपरागत G7 को PPP (परचेजिंग पावर पैरिटी) में मापी जाने वाली GDP के संदर्भ में पीछे छोड़ दिया.इस 'दुनिया के बहु-ध्रुवीकरण' ने 2016 के आसपास गति पकड़ी जब चीनी और भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवर करके तेजी से बढ़ने लगी जबकि अमेरिका और यूरोप धीमी गति से चल रहे थे. तब चीन और भारत के बीच बहुत सौहार्द था जिसकी झलक अहमदाबाद और वुहान के मिलन में दिख रही थी( हां तब वुहान कोविड-19 के ओरिजिन प्वाइंट के रूप में बदनाम नहीं था).तब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक आश्चर्यजनक जीत दर्ज की और व्हाइट हाउस में उनका विघटनकारी प्रवेश हुआ. उन्होंने अमेरिका को देश के अंदर सीमित रखा,या तो उन्होंने अमेरिका को वैश्विक गठबंधन के उसके नेतृत्व से पीछे हटा लिया या उसे कमजोर कर दिया. जलवायु परिवर्तन से लेकर ईरान या NATO तक, अमेरिका ने अप्रत्याशित वापसी का संकेत दिया.ADVERTISEMENTफिर चीन का आगे बढ़ते जाना उसी समय राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन में विशाल शक्तियों और महत्वकांक्षाओं से लैस हो गए. उन्होंने सैन्य रूप से फिर से मजबूत हुए रूस के साथ बड़े स्तर पर गठबंधन बनाया. तीसरी दुनिया के दर्जनों अर्थव्यवस्थाओं में घुसने के लिए चीन की विशाल आर्थिक ताकत का इस्तेमाल किया. दुर्भाग्य से लगभग उसी समय भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिराव...More Related News