एक घर, 4 कत्ल और 65 लाख में ठेका... बेटे ने अपने ही परिवार की दी सुपारी, लेकिन मारे गए रिश्तेदार
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कर्नाटक के गडग की दासर गली कॉलोनी में रहने वाले लोगों को अचानक एक घर से आधी रात चीखने चिल्लाने की आवाज़ सुनाई देने लगती है. ये घर किसी और का नहीं बल्कि गडग-बेटागेरी नगर पालिका के वाइस प्रेसिडेंट प्रकाश बकाले का था.
Gadag Mass Murder Case: एक शख्स सुपारी किलर को अपना घर दिखाता है. फिर उन्हें बताया है कि घर में तीन लोग मौजूद हैं. जिनका कत्ल करना है. ट्रिपल मर्डर की सुपारी 65 लाख रुपये में तय हो जाती है. इसके बाद वो सुपारी किलर अपने 6 साथियों के साथ देर रात उस घर में दाखिल होता है. उस घर में अंधेरा था. और फिर वो सुपारी किलर उस घर में तीन की बजाय चार लोगों को बेरहमी के साथ मार डालता है. लेकिन फिर भी उस घर में दो लोग जिंदा बच जाते हैं. सामूहिक हत्याकांड की ये सनसनीखेज कहानी आपका दिल दहला देगी.
18-19 अप्रैल की दरम्यानी रात, करीब 2.15 मिनट कर्नाटक के गडग की दासर गली कॉलोनी में रहने वाले लोगों को अचानक एक घर से आधी रात चीखने चिल्लाने की आवाज़ सुनाई देने लगती है. ये घर किसी और का नहीं बल्कि गडग-बेटागेरी नगर पालिका के वाइस प्रेसिडेंट प्रकाश बकाले का है. और चीखने वालों में खुद प्रकाश बकाले और उनकी पत्नी सुनंदा बकाले शामिल हैं. दोनों की चीख इतनी भयानक है कि लोगों को समझ में आ जाता है कि बकाले परिवार के साथ कोई ना कोई अनहोनी जरूर हो रही है. आनन-फानन में घर के बाहर मोहल्लेवालों की भीड़ जमा होने लगती है और देखते ही देखते पुलिस की क्विक रिस्पॉन्स टीम मौके पर आ पहुंचती है. लेकिन जैसे ही पुलिस बकाले परिवार के इस मकान में दाखिल होती है, उसके कदम ठिठक जाते हैं.
एक साथ चार लोगों का कत्ल चंद मिनटों के अंदर इस घर में चार-चार लोगों का क़त्ल हो चुका था. बकाले दंपति के 27 साल के बेटे कार्तिक बकाले और इसी परिवार के तीन रिश्तेदार परशुराम हदीमानी, उनकी पत्नी लक्ष्मी हदीमानी और उसकी 16 साल की बेटी आकांक्षा. लेकिन इतनी भयानक वारदात के बावजूद प्रकाश और सुनंदा बकाले की जान बच गई. असल में कातिलों ने जब इस घर पर धावा बोला तो बकाले दंपत्ति ग्राउंड फ्लोर पर अपने बेडरूम में सो रही थी. जबकि हदीमानी परिवार ऊपर की मंजिल पर सो रहा था.
कातिलों ने तेजधार हथियारों का किया इस्तेमाल हमलावर सीधे फर्स्ट फ्लोर की एक खिड़की से पहली मंजिल पर पहुंचे और वहां सो रहे हदीमानी परिवार को टार्गेट कर लिया. उनकी चीख पुकार सुन कर ग्राउंड फ्लोर पर ही अपने कमरे में सो रहा बकाले दंपत्ति का बेटा कार्तिक भागता हुआ ऊपर की मंजिल पर गया. लेकिन बदकिस्मती से फर्स्ट फ्लोर पर जाना ही उसकी भी मौत की वजह बन गई. क़ातिलों ने उसे अपनी ओर आता हुआ देखा और उसे भी अपने निशाने पर ले लिया. ठीक हदीमानी परिवार की तरह ही कार्तिक पर भी कातिलों ने दाव या दरारी जैसे तेजधार हथियारों से वार किया और पलक झपकते ही उसकी भी जान ले ली.
घर के फर्स्ट फ्लोर पर हर तरफ बिखरा था खून लेकिन घर पर हुए इस हमले के दौरान बकाले दंपत्ति को अनहोनी का अहसास हो गया था और उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए खुद को ग्राउंड फ्लोर पर अपने बेडरूम ही बंद कर लिया. उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और वहीं से चीख-चिल्ला कर लोगों से मदद मांगने लगे. खुद प्रकाश बकाले ने अपने कमरे से ही मदद के लिए पुलिस को भी फोन किया. लेकिन जब तक पड़ोसी रिएक्ट करते, पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंचती, क़ातिल इस मकान के फर्स्ट फ्लोर पर चार लोगों की जान ले कर फरार हो चुके थे. पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो पूरा घर खून से सना हुआ था. खास कर पूरा का पूरा फर्स्ट फ्लोर. घर के सामान भी बिखरे हुए थे. और तो और पुलिस और पड़ोसियों को देखने के बाद ही खुद बकाले दंपत्ति भी अपने कमरे से बाहर निकला था.
पुलिस हर एंगल से कर रही थी जांच ऐसे में मौके पर पहुंची पुलिस को और खुद बकाले दंपत्ति को भी ये लग रहा था कि इस वारदात के पीछे डकैतों के किसी गिरोह का हाथ है. ख़ैर मामले की जांच के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाईं और सभी टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारी दे दी गई. किसी को गडग और आस-पास के इलाकों में काम करने वाले डकैतों के गिरोह और उनकी गतिविधियों के बारे में पता करने की जिम्मेदारी दी गई, कोई टीम सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग में लगी, एक टीम गडग दंपत्ति और दूसरे नाते-रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही थी, जबकि एक टीम मोबाइल सर्विलांस और उससे जुड़े डेटा खंगाल रही थी. यानी पुलिस की तफ्तीश हर एंगल पर चल रही थी.
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