
उर्दू भाषा: भारत के दक्षिणपंथी दल क्या उर्दू से डरते हैं?
BBC
इतिहासकारों की नज़र में उर्दू भारत के इतिहास का अहम हिस्सा है. ये देश के कई मशहूर शायरों और लेखकों की पसंदीदा भाषा रही है. लेकिन हाल फ़िलहाल इसे लेकर कई विवाद भी हुए हैं.
उर्दू ज़बान किसकी है? कई लोगों को कई बार ऐसा महसूस होता है कि भारत में दक्षिणपंथी पार्टियों के ख़्याल में ये विदेशी ज़बान है जो उन पर अतीत के तथाकथित इस्लामी आक्रमणकारियों ने थोपी है.
उर्दू को लेकर ताज़ा विवाद इसी साल अप्रैल में तब हुआ जब एक दक्षिणपंथी न्यूज़ चैनल की रिपोर्टर एक लोकप्रिय रेस्त्रां में दाखिल हुईं और कर्मचारियों से बहस करते हुए स्नेक्स के एक पैकेट पर 'उर्दू में कुछ लिखा होने' का मुद्दा उठाया.
हालांकि खाद्य सामग्री की जानकारी देने वाला ये लेबल अरबी ज़बान में था.
बहुत से लोगों ने इसे 'इस्लामी समाज़ की जड़ों को बनाए रखने' की एक कोशिश बताया.
पिछले साल भी कपड़े बनाने वाले एक ब्रांड 'फैब इंडिया' को अपना एक विज्ञापन वापस लेना पड़ा था क्योंकि उसके कैंपेन का शीर्षक उर्दू ज़बान में था और देश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया था.