
उम्र 29 साल, हिंदू लड़की से की शादी, जानिए कौन हैं जामा मस्जिद के नए इमाम सैयद शाबान बुखारी
AajTak
एमेटी यूनिवर्सिटी के छात्र रहे सैयद शाबान बुखारी की दस्तारबंदी होने के साथ ही वे जामा मस्जिद के 14 वें इमाम बन गए हैं. जामा मस्जिद से जुड़े लोगों के मुताबिक शाबान को 2014 में नायब इमाम की जिम्मेदारी मिली थी. जिसके बाद से ही वो देश में ही नही बल्कि और विदेशों में धर्म से जुड़ी ट्रेनिंग ले रहे थे.
शब-ए-बारात के दिन दिल्ली की जामा मस्जिद को नया शाही इमाम मिल गया है. शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक 'दस्तारबंदी' (पगड़ी पहनाने की रस्म) समारोह में अपने बेटे सैयद शाबान बुखारी को अपना जामा मस्जिद का नया इमाम घोषित कर दिया. इस दौरान जामा मस्जिद में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कई शख्सियत मौजूद रही. इससे पहले वे नायब इमाम थे. इस समय उनकी उम्र 29 साल है. उनके परिवार ने अपनी पिछली 13 पीढ़ियों से जामा मस्जिद की अध्यक्षता की है. जामा मस्जिद का निर्माण 1650 में किया गया था.
कहा तक पढ़े है शाबान बुखारी
सैयद शाबान बुखारी का जन्म 11 मार्च 1995 को दिल्ली में हुआ था. एमिटी यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में मास्टर डिग्री की है. इसके अलावा इस्लामी धर्मशास्त्र में आलमियत और फजीलत की है. सैयद शाबान बुखारी ने इस्लाम की बुनियाद तालीम के साथ व्यापक अध्यन मदरसा जामिया अरबिया शम्सुल उलूम दिल्ली से की है.
कब और किससे हुई शादी
13 नवंबर 2015 को शाबान बुखारी ने गाजियाबाद की एक हिंदू लड़की से शादी की. शुरुआत में उनका परिवार भी शादी को लेकर के राजी नहीं था लेकिन बाद में पूरा परिवार शादी के लिए राजी हो गया है और धूमधाम से उनकी शादी हुई. शादी के बाद 15 नवंबर को महिपालपुर के एक फार्महाउस में ग्रैंड रिसेप्शन दिया गया.शाबान के फिलहाल 2 बच्चे है उनकी पत्नी शबानी है.
यह भी पढ़ें: सैयद शाबान बुखारी बने दिल्ली की जामा मस्जिद के 14वें इमाम, शाही इमाम अहमद बुखारी ने की दस्तारबंदी

आम आदमी पार्टी हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटों से नीचे गिरकर 22 सीटों पर आ गई. पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती शामिल हैं, चुनाव हार गए. लेकिन कालकाजी में काफी कड़े मुकाबले में आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को हराने में सफलता पाई.