
'उन्हें पद चाहिए, टिकट चाहिए...' कांग्रेस छोड़कर जा रहे नेताओं पर भड़के रॉबर्ट वाड्रा
AajTak
बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ये कहना सही नहीं है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं है. मैं उन लोगों से मिला हूं, जिनके पास अनुभव है. अभी ऐसे सीनियर नेताओं को लगता है कि उन्हें पावर या टिकट या सीट की जरूरत है, लेकिन वे इसके लिए कोशिश नहीं करते हैं. इसके लिए प्रयास की जरूरत है. यदि आपको लगता है कि आपकी पहचान मंत्री होने पर आधारित है और यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए.
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ छोड़ने पर गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि ऐसे नेता पावर और पद के पीछे भाग रहे हैं. उन्होंने इस बार पार्टी के लोकसभा चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ने का भरोसा जताया है.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ये कहना सही नहीं है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं है. मैं उन लोगों से मिला हूं, जिनके पास अनुभव है. अभी ऐसे सीनियर नेताओं को लगता है कि उन्हें पावर या टिकट या सीट की जरूरत है, लेकिन वे इसके लिए कोशिश नहीं करते हैं. इसके लिए प्रयास की जरूरत है. यदि आपको लगता है कि आपकी पहचान मंत्री होने पर आधारित है और यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए. अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई दूसरी पार्टी ऑफर करती है तो वो साथ छोड़कर चले जाएं.
'पार्टी छोड़कर जाने वालों से हम नाराज नहीं होते'
वाड्रा ने आगे कहा, एक विरासत है, कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, उनके लिए, उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है. जब वे पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ हैं तो उन्हें थोड़ा धैर्य रखना चाहिए, भले ही उन्हें कठिनाई महसूस हो या सत्ता में वापस आने में लंबा समय लगे. सत्ता ही सब कुछ नहीं है. हम उनसे नाराज नहीं होते, हम उन्हें अच्छे भविष्य के लिए विदा करते हैं. लेकिन लोग देखेंगे और महसूस करेंगे कि उनके लिए किसी पार्टी विशेष की विचारधारा मायने नहीं रखती, बल्कि जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं. उनके लिए सिर्फ पद मायने रखता है.
यह भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी में पहली बार खुद के लिए देंगी वोट, वोटर लिस्ट में जुड़ गया नाम
'समय बदलेगा तो लौट आएंगे साथ छोड़ने वाले नेता'

आम आदमी पार्टी हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटों से नीचे गिरकर 22 सीटों पर आ गई. पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती शामिल हैं, चुनाव हार गए. लेकिन कालकाजी में काफी कड़े मुकाबले में आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को हराने में सफलता पाई.