‘उधार पर जी रहे’-उत्तराखंड आपदा पीड़ित बिहार के 4 परिवारों का दर्द
The Quint
Uttarakhand Flood Compensation: 7 फरवरी 2021 को चमोली जिले में भयावह बाढ़ आ गई थी. इस बाढ़ में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे दर्जनों मजदूर लापता हो गये थे, जिसमें कई बिहार के रहने वाले थे.
“वही एक लड़का था, जो परिवार चलाता था. हमलोग खुश थे. जब से बाबू गया है, हमलोग कर्ज लेकर खा रहे हैं. कर्ज में धंसते जा रहे हैं,” ये कहते हुए सुरेश प्रसाद का गला रुंधने लगता है.बिहार के गोपालगंज जिले के सोहागपुर गांव के रहने वाले सुरेश प्रसाद अपने बेटे नेमधारी प्रसाद का जिक्र कर रहे थे, जो चार महीने पहले उत्तराखंड में आई तबाही में लापता हो गए थे और अब प्रशासन ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है. 35 साल के नेमधारी प्रसाद दो साल से उत्तराखंड के चमोली में हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़े हुए थे.बता दें कि 7 फरवरी 2021 को चमोली जिले में भयावह बाढ़ आ गई थी. इस बाढ़ में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे दर्जनों मजदूर लापता हो गये थे. इसके अलावा करीब 200 लोग लापता हुए थे. इसी हादसे के बाद से नेमधारी प्रसाद के तीन बच्चे और पत्नी हैं. घर में बुजुर्ग माता-पिता और एक छोटा भाई भी है. लेकिन, छोटा भाई दिमागी रूप से कमजोर है, जिस कारण परिवार का पूरा जिम्मा नेमधारी ही अपने कंधे पर संभाले हुए थे. नेमधारी की मौत के बाद उसके बुजुर्ग पिता सुरेश प्रसाद का दिन ये सोचते हुए गुजरता है कि वह किस तरह अपने बूढ़े कंधे पर तीन बच्चों, बहू, पत्नी और छोटे बेटे की जिम्मेवारी संभालेंगे.नेमधारी प्रसाद की तस्वीर के साथ उनकी पत्नी(फोटो: क्विंट हिंदी)कागजी दुनिया में फंसा मुआवजामुआवजा एक उम्मीद थी, लेकिन बीते चार महीनों से ये कागजी प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है. नरेश प्रसाद द क्विंट से कहते हैं, “बेटे के लापता होने की खबर मिलते ही मैं अपने भतीजे के साथ निजी गाड़ी किराये पर लेकर उत्तराखंड गया था. वहां एक महीने रहा. दो लाख रुपए कर्ज हो गया है, जिसका ब्याज दिनों दिन बढ़ रहा है. उसके जाने के बाद 100-50 रुपए रोज उधार लेकर घर में खाना पकता है.”सुरेश ने द क्विंट को बताया,“कंपनी और सरकार की तरफ से आश्वासन मिला था कि जल्द मुआवजा मिल जाएगा. डेढ़ महीने पहले अधिकारी भी मेरे घर आये थे और कुछ दस्तावेज मुजफ्फरपुर के कांटी ब्लॉक में जाकर जमा करने को कहा था, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला है,”ADVERTISEMENTनेमधारी प्रसाद के तीनों बच्चे प्राइवेट ट्यूशन करते थे. सुरेश प्रसाद कहते हैं कि उनके पास आय का कोई जरिया नहीं है, इसलिए उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवा पा...More Related News