उत्तर प्रदेश हिंसा: RSS प्रचारक का पुलिस व्यवस्था पर सवाल, कहा- खुफिया तंत्र फेल
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जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हुई हिंसा को लेकर आरएसएस प्रचारक रामाशीष ने सवाल उठाए हैं.
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई शहरों में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और राष्ट्रीय संगठन मंत्री और पूर्व में उत्तर प्रदेश में संघ के सभी प्रांत के प्रचारक रह चुके रामाशीष ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यूपी के शहरों में हुई पत्थरबाजी यूपी पुलिस के खुफिया तंत्र की अक्षमता और वरिष्ठ अधिकारियों की अदूरदर्शिता का प्रत्यक्ष प्रमाण है.
फेसबुक पोस्ट के जरिए उठाए सवाल संघ प्रचारक रामाशीष ने फेसबुक पर पुलिस पोस्टिंग पर उठाए सवाल. उन्होंने कहा कि जातिवाद के कारण ईमानदार कर्तव्यपरायण अधिकारियों को पोस्टिंग नहीं दी जाती. रामाशीष ने लिखा कि राज्य को एक पूर्णकालिक गृह मंत्री की आवश्यकता है.
धारा 144 पथराव के बाद क्यो गौरतलब है कि पिछले पांच वर्ष से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास ही गृह मंत्रालय है. रामाशीष ने पूछा कि धारा 144 पथराव के बाद क्यों लागू की गई. उससे पहले क्यों नहीं हुई. यह एहतियात की धारा है और सावधानी बरती जानी चाहिए थी.
ईमानदारी और जाति के आधार पर नहीं होती पोस्टिंग रामाशीष ने कहा कि यूपी पुलिस जातीयता, राजनीतिक विचार और भ्रष्टाचार के कारण पूर्णतया जर्जर और अक्षम हो गई है. कई योग्य अधिकारियों की केवल इसलिए नियुक्ति नहीं होती, क्योंकि वे ईमानदारी और जाति के आधार पर अनुपयुक्त होंगे. रामाशीष ने एक आंतरिक आयोग बना कर इन बातों की स्क्रीनिंग का सुझाव दिया. साथ ही मुखबिरी की प्रथा को अधिक सक्षम बनाने पर भी जोर दिया.
200 से ज्यादा की गिरफ्तारी नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ शुक्रवार के दिन जुमे की नमाज के बाद यूपी के कई शहरों में भरी हिंसा हुई. हिंसक प्रदर्शन को लेकर यूपी पुलिस एक्शन में है. अलग-अलग शहरों में हुई हिंसा के मामले में अब तक 200 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
सहारनपुर में हिंसा के आरोपियों के तोड़े जा रहे अवैध निर्माण यूपी के सहारनपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा के 2 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई. जिला प्रशासन खाताखेड़ी इलाके में बुलडोजर लेकर पहुंच गया. दोनों आरोपियों के अवैध निर्माण को प्रशासन ने तोड़ दिया. दोनों की पहचान अब्दुल वकीफ पुत्र बिलाल खाता खेड़ीक और मुजमिल पुत्र अस्मत राहत कॉलोनी 62 रोड के रूप में हुई है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.