उत्तर प्रदेश: स्मार्ट सिटी के तमगे के बावजूद झांसी बदहाल क्यों है
The Wire
ग्राउंड रिपोर्ट: झांसी बुंदेलखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है, जो स्मार्ट सिटी में भी शुमार है. लेकिन शहर और इससे सटे गांवों में पानी की भारी किल्लत और पलायन की समस्या क्षेत्र की समस्याओं की बानगी भर हैं.
रक्सा गांव के एक हिस्से में पलायन की कहानी कहते दरवाजों पर पड़े ताले. (सभी फोटो: दीपक गोस्वामी/द वायर)झांसी: झांसी को बुंदेलखंड का द्वार भी कहा जाता है. वही बुंदेलखंड, आज जिसकी पहचान पानी की कमी और पलायन बन चुका है. यह क्षेत्र दशकों से केवल पानी की कमी, सूखा और रोजगार के अभाव में पलायन के चलते ही सुर्खियों में आता रहा है.
उत्तर प्रदेश के कुल सात जिले बुंदेलखंड क्षेत्र में आते हैं, जिनमें झांसी सर्वाधिक विकसित जिला माना जाता है. संपूर्ण बुंदेलखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर झांसी ही है. करीब पांच साल पहले यह केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में भी शामिल हो चुका है.
इसलिए कम से कम झांसी शहर के मामले में तो यह उम्मीद लगाई ही जा सकती है कि बुंदेलखंड की पहचान बन चुकी पानी और पलायन की समस्या यहां नहीं होगी. लेकिन, हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है.
वास्तव में झांसी शहर के अंदर भी हालात ऐसे हैं कि लोग रोजाना पानी के लिए मशक्कत करते नजर आते हैं और कई किलोमीटर दूर से वाहनों में लादकर पानी लाते हैं. शहर से 5-7 किलोमीटर दूर स्थित गांवों में जाते हैं तो ग्रामीण पैसा देकर पानी खरीदते मिलते हैं, साथ ही पलायन के चलते घरों पर ताले भी लटके नज़र आते हैं.